श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला कॉलेज के उद्गम इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा ओरिएंटेशन कार्यक्रम का सफल आयोजन
बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली। युवा छात्राओं में नवाचार, उद्यमिता, और स्टार्टअप के विषय की समझ को बढ़ाने एवं उसे प्रोत्साहित करने हेतु श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला कॉलेज के उद्गम इन्क्यूबेशन सेंटर द्वारा एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम का सफल आयोजन 4 सितंबर 2024 को कॉलेज के राजीव गांधी सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री अर्जुन मिश्र (निर्देशक, डिसटिल एजुकेशन ग्रुप), डॉ. शैलेन्द्र व्यास (चेयरमैन, स्टार्टअप एवं कौशल विकास समिति, भारतीय उद्योग महासंघ), एवं सुश्री रंजू मिन्हास (शिक्षाविद् और पर्यावरण उद्यमी) उपस्थित रहे। उन्होंने "नवाचार, उद्यमिता और स्टार्टअप" से संबंधित विभिन्न विषयों पर सभागार में उपस्थित छात्राओं का मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। कॉलेज की प्राचार्या, प्रो. साधना शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में उद्गम इन्क्यूबेशन सेंटर के संयोजक, डॉ. मनीष कुमार सिंह द्वारा संचालित टीम की सराहना की और कॉलेज में नवाचार, उद्यमिता, और स्टार्टअप की दिशा में किए जा रहे कार्यों एवं प्रयासों के बारे में जानकारी दी। तत्पश्चात, डॉ. मनीष ने युवा छात्राओं में उद्यमिता और स्टार्टअप के क्षेत्र में उनकी समझ, रुचि, एवं कार्यों को बढ़ावा देने में उद्गम इन्क्यूबेशन सेंटर की भूमिका का वर्णन किया। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित श्रोताओं को अपनी टीम के सदस्यों (प्रो. शुभा सिन्हा, डॉ. रविंदर सिंह, डॉ. दीप्ति, डॉ. अर्पित, एवं डॉ. अभिनंदन) से परिचित कराया।
श्री अर्जुन मिश्र ने अपने उद्बोधन में उच्च शिक्षा में इन्क्यूबेशन सेंटर की आवश्यकता और उसकी भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि किसी भी स्टार्टअप को सफल होने के लिए निरंतर प्रयास के साथ-साथ उचित मार्गदर्शन एवं समय-समय पर विभिन्न प्रकार की सहायता की आवश्यकता होती है, जो इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से संभव है। तत्पश्चात, सुश्री रंजू मिन्हास ने राष्ट्र निर्माण में महिला उद्यमियों की भूमिका पर बल देते हुए कहा कि महिलाएं अपने कौशल, संकल्प, और नेतृत्व क्षमता के माध्यम से न केवल अपनी पहचान स्थापित कर रही हैं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। अंत में, डॉ. शैलेन्द्र व्यास ने भारत में नवाचार, कौशल विकास, और नीति के बारे में उपस्थित छात्राओं को समझाया कि ये तीनों घटक देश के आर्थिक और सामाजिक विकास के प्रमुख स्तंभ हैं। उन्होंने बताया कि नवाचार से नए अवसर उत्पन्न होते हैं, कौशल विकास से रोजगार क्षमता में वृद्धि होती है, और नीतियां इन दोनों को सही दिशा में मार्गदर्शित करती हैं, जिससे भारत वैश्विक मंच पर अपनी पहचान मजबूत कर सकता है।
इस कार्यक्रम का मंच संचालन डॉ. शिवानी जॉर्ज एवं डॉ. रविंदर सिंह ने कुशलतापूर्वक किया। डॉ. दीप्ति ने इन्क्यूबेशन सेंटर से संबंधित अल्पावधि प्री-इनक्यूबेशन पाठ्यक्रम की जानकारी दी, और डॉ. अभिनंदन ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। इस कार्यक्रम में कुल 510 पंजीकृत छात्राओं की उपस्थिति रही।
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