प्रेस्यू आई ड्रॉप को डीसीजीआई की मिली मंजूरी : निखिल
बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली। भारतीय फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज में नमी कंपनी एनटॉड ने कई वर्षो के रिसर्च के बाद, जिसे सबसे पहले डीसीजीआई की मान्यता मिली है। प्रेस्वू प्रेस्बायोपिया के इलाज में एक महत्पूर्ण उपलब्धि है। यह आई ड्रॉप पर एनटॉड फार्मास्यूटिकल्स को सेंट्रल ड्रग्स स्टेंडर्ड्स कंट्रोलर ओर्गनाईजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी से भी मजूरी मिल चुकी हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक स्तर पर 1.09 बिलियन से 1.80 बिलियन लोगों के प्रेस्वयोपिया से पीड़ित होने का अनुमान है।उम्र बढ़ने के साथ आखों में होने वाली बीमारियां, कम दिखना,नजदीक दिखाई नहीं देना,जिस कारण लोगो को खास कर 40साल की उम्र के ऊपर के लोगो को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वही कई लोगो को पहली बार प्रेस्वायोपिया का पता चलता है जब वह पढ़ने वाली वस्तुओं देखने केलिए फोकस करने पर हाथों का भी सहारा लेते है।
एनटॉड फार्मास्यूटिकल्स के सीइओ निखिल के मासूरकर ने प्रेस्यू के बारे में बताते हुए कहा कि सालो की रिसर्च के बाद प्रेस्यू को बनाने में कामयाब हुए हैं नेत्र की देख भाल में हमारे मिशन में एक मिल का पत्थर साबित हुआ है, प्रेस्यू लाखो लोगों की आखों को देखने की क्षमता को बढ़ाता है।
डा धनंजय बाखले खुशी जाहिर करते हुए बताया कि प्रेस्यू को सभी संस्थाओं से मंजूरी मिलना नेत्र चिकित्सा विज्ञान के लिए लाभदायक है,यह आई ड्रॉप के इस्तेमाल से नजदीकी दृष्टि को बढ़ावा मिलेगा।
डा आदित्य सेठी ने मरीजों के लिए प्रेस्यू के लाभों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रेसवायोपिया का इलाज लंबे से पढ़ने वाले चश्मे ,कोटेक्ट लेंस,सर्जिकल उपायों के साथ किया जाता है लेकिन अब इसका इलाज प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा।
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