गंभीर अपराधों के आरोपी राम रहीम को पैरोल देना और बंदी सिंहों के मामलों को अनदेखा करना सिख पंथ के साथ अन्याय : बीबी रणजीत कौर/परमजीत सिंह वीरजी
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। हत्या और बलात्कार जैसे संगीन आरोप में जेल में सजा काट रहे डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 10वीं बार फिर से पैरोल मिलने पर विवाद खड़ा हो गया है बीबी रणजीत कौर और पंथक नेता भाई परमजीत सिंह वीरजी ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि सरकारों की इस दोहरी नीति से सिखों में अविश्वास का माहौल पैदा हो रहा है, हत्या और बलात्कार के आरोपी सौदा साध गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दी जा रही है, लेकिन सिख बंदी सिंहों की रिहाई की मांग कर रहे हैं और लंबे समय से सरकार सिखों की आवाज नहीं सुन रही है. उन्होंने कहा कि सरकारों द्वारा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए गुरमीत राम रहीम के जघन्य अपराधों पर आंखें मूंद लेना और उसे बार-बार जाने देना सिखों को अलग-थलग महसूस करा रहा है, जो देश के लिए अच्छा नहीं है।
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