एमरजेंसी फिल्म पर रोक के लिए डीसीपी को सिख संगठनों ने दिया शिकायत पत्र
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली के सिख संगठनों ने पश्चिमी दिल्ली के डीसीपी के साथ मिलकर कंगना रनौत की इमरजेंसी फिल्म को सिनेमाघरों में दिखाने से रोकने के लिए एक मांग पत्र जारी किया और कहा कि सिखों की भावनाओं को देखते हुए फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। शिरोमणि अकाली दल की महिला विंग की प्रधान बीबी रणजीत कौर ने मीडिया से बात करते हुए बताया की मांग पत्र देने आए लोगों को डीसीपी ने पूरा भरोसा दिया कि वे जल्द ही सेंसर बोर्ड को इस बारे में लिखित पत्र देंगे।
उन्होने कहा कि यह फिल्म सिख इतिहास को विकृत कर रही है और 20वीं सदी के महान सिख संत जरनैल सिंह जी भिंडरावाले के चरित्र और तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर पूरे सिख समुदाय को दोषी ठहराने की कोशिश की गई है और सिखों का वर्णन अलगाववादियों के रूप में किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि कंगना रनौत के दिल और दिमाग में सिखों के प्रति कितनी नफरत फैली हुई है।
इस फिल्म के खिलाफ पंथ के भीतर भारी गुस्सा है और देश के कई राज्यों में इसका विरोध देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि अगर यह फिल्म सिनेमाघरों में दिखाई गई तो देश का सांप्रदायिक माहौल खराब हो सकता है, इसलिए सरकार और फिल्म सेंसर बोर्ड को इस पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सेंसर बोर्ड से अपील करते हैं कि वह इस फिल्म की रिलीज को रोकें, अन्यथा इसके परिणामों के लिए सिख समुदाय जिम्मेदार नहीं होगा. इस अवसर पर युवा नेता रमनदीप सिंह सोनू, गुरप्रीत सिंह रिंटा, अवनीत सिंह रायसन, गुरुद्वारा शिरोमणि सिख संगत के अध्यक्ष गुरुमीत सिंह, सिख स्टूडेंट फेडरेशन के अवतार सिंह मक्खन, विभिन्न गुरुद्वारा साहिबों के अध्यक्ष और बड़ी संख्या में संगत मौजूद थी।
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