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वृंदावन चंद्रोदय मंदिर : धूमधाम से मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। वृंदावन चंद्रोदय मंदिर द्वारा एनएच 48 रजोकरी रोड ​स्थित द उमराव इल्रॉय में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पूरी श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। पूरा कार्यक्रम स्थल नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, बोलो बांके बिहारी लाल की आदि जयघोष से गूंजते रहे। राधा कृष्णमय सजी झांकियों, नृत्य व भजन मंडलियों ने माहौल को पूरी तरह से श्रीकृष्णमय बनाए रखा। लड्डू गोपाल अभिषेक के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई। श्रद्धालुओं ने श्री राधा कृष्ण को झूला झुलाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने विशेष महाभिषेक में बढ़चढ़ कर भाग लिया। सबसे पहले पंचामृत के साथ पूरी विधि विधान से अभिषेक किया गया। वही, 108 कलश शुद्धोतक ,साथ ही 9 विशेष कलश अभिषेक, अंत में भगवान का पुष्पाभिषेक किया गया। सभी प्रकार के अभिषेक संपन्न होने के बाद भगवान ने नए पोशाक धारण किए। भगवान को महाभोग लगाया गया।

पूरा पंडाल रसराज प्रभु के भजनों पर झूमे भक्तगण

प्रसिद्ध संगीतकार की टीम ने गौड़ीय कीर्तन एवं महामंत्र कीर्तन से श्रद्धालुओं में जोश भर दिया। समूचा पंडाल श्री कृष्ण लीला में मंत्रमुग्ध रहा। इसके अलावा कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए गए। मंदिर के स्वंयसेवकों ने कृष्ण भजनों से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।साथ ही भव्य बन रहे 

वृंदावन चंद्रोदय मंदिर और हरे कृष्ण मंदिर का वीडियो प्रदर्शन भी किया गया। मथुरा में सबसे विशाल बन रहे मंदिर को दर्शाया गया। इस मंदिर की कल्पना श्रील प्रभुपाद ने की थी, जब वह भारत यात्रा के दौरान वृन्दावन आये थे। 

इस मौके पर मंदिर के अध्यक्ष आदरणीय श्री चंचलापति प्रभु जी द्वारा प्रवचन दिया, जिसमें कृष्ण लीला एवं कृष्ण संदेश दिया। प्रवचन के बाद अतिथियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में भगवान का धूप, दीप,अर्घ्य,वस्त्र,पुष्प,चामर एवं व्यजन से भगवान की आरती की गई।जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर आकर्षक 

श्रीकृष्ण के साथ भक्तों ने जमकर नृत्य किया,

कार्यक्रम के अंत में पालकी यात्रा निकाली,जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। भगवान भक्तों को आशीर्वाद देते रहे। यहां पूरा वातावरण श्रीकृष्ण की भक्ति में सराबोर रहा। उत्सव में शामिल होने के लिए पूरे एनसीआर से लेकर भक्तों में उत्साह नजर आया। पालकी यात्रा के दौरान लोग नृत्य करते हुए भगवान पर फूलों की वर्षा करते दिखे।

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