1984 के सिख नरसंहार से संबंधित एक मामले में अदालत द्वारा जगदीश टाइटलर को दोषी ठहराए जाने का स्वागत
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली में नवंबर 1984 के सिख नरसंहार से संबंधित एक मामले में, दिल्ली के राउज़ एवेन्यू अदालत द्वारा जगदीश टाइटलर के विरुद्ध आरोप तय करने का विभिन्न सिख नेता शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, शिरोमणि अकाली दल दिल्ली इकाई की महिला विंग प्रमुख बीबी रणजीत कौर, पंथक सेवादार परमजीत सिंह वीरजी और दिल्ली समिति के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जीके, ने स्वागत किया और कहा कि इससे पीड़ितों को न्याय की उम्मीद मिली है. गौरतलब है कि 1984 के सिख नरसंहार के दौरान जगदीश टाइटलर ने उस भीड़ का नेतृत्व किया था जिसने पुलबंग्स गुरुद्वारा साहिब में सिखों पर हमला किया था, इस दौरान तीन सिख मारे गए थे।
करीब 40 साल से पीड़ित न्याय का इंतजार कर रहे हैं, जिनकी उम्मीद मुकदमा दर्ज होने से बंधी है. सिख नरसंहार मानव इतिहास में एक मानव-विरोधी अत्याचार के रूप में चिह्नित है, जिसके पीड़ितों को न्याय के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि जगदीश टाइटलर को कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके. केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों ने 1984 के सिख नरसंहार मामलों में उनकी संलिप्तता के पुख्ता सबूत होने के बावजूद टाइटलर को बार-बार क्लीन चिट दी. आज एक मामले में कोर्ट का फैसला आया है और भविष्य में 1984 के अन्य मामलों में भी टाइटलर की संलिप्तता सामने आ सकती है।
शिरोमणि कमेटी के प्रमुख एडवोकेट धामी ने कहा कि हमारी समिति हमेशा पीड़ितों के साथ खड़ी है और सभी प्रकार के मामलों में सहायता कर रही है।
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