दिल्ली में 1984 के सिख नरसंहार के 437 पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को मिलेगी सरकारी नौकरीर : आत्मा सिंह लुबाना
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मीत प्रधान आत्मा सिंह लुबाना ने बताया कि दिल्ली में 1984 के सिख नरसंहार के 437 पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलने जा रही है जिसके लिए उम्र और शिक्षा दोनों में बड़ी छूट दी गई है। आज यहां जारी एक बयान में आत्मा सिंह लुबाना ने बताया कि हम कई वर्षों से इस मामले में संघर्ष कर रहे हैं। पहले 16 जनवरी 2006 को भारत सरकार ने फैसला किया था कि हर शहीद परिवार के लोगों को नौकरी दी जाएगी। इसमें दिल्ली सरकार ने 2007 में कैबिनेट नोट लाया था जिसमें कहा गया था कि जिन परिवारों के सदस्य शहीद हुए और घायल हुए उन्हें नौकरी दी जाएगी। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रयासों की बदौलत 27.11.2019 को हाई कोर्ट के डबल बेंच का आदेश आया था कि हर परिवार को नौकरी दी जाए और अगर नौकरी नहीं दे सकते तो कारण बताया जाए।
उन्होंने बताया कि पिछले साल 22 लोगों को नौकरी दी गई थी और अब हमने ताजा अर्जियां जमा करवाई थीं। उन्होंने बताया कि अब 9.7.2024 को जो हमने मेहनत की है, दिल्ली कमेटी के पूर्व प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा, मौजूदा प्रधान हरमीत सिंह कालका और जनरल सेक्रेटरी जगदीप सिंह काहलों के अमूल्य सहयोग से और सदस्य सुरजीत सिंह, बलबीर सिंह और रमिंदर सिंह स्वीटा की मेहनत से पिछले दिनों उप राज्यपाल ने स्वीकृति दी है और आदेश जारी किए हैं कि इन परिवारों का सत्यापन किया जाए। उन्होंने बताया कि दिल्ली के 9 जिलों जिसमें वेस्ट, नॉर्थ वेस्ट, साउथ वेस्ट, सेंट्रल, नॉर्थ ईस्ट, नॉर्थ में सभी एसडीएम को पत्र भेजा गया है और सत्यापन के लिए कहा गया है।
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