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हिंदी अकादमी,दिल्ली द्वारा हिंदी के संवर्धन के लिए एक विचार गोष्ठी का आयोजन

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। हिंदी अकादमी,दिल्ली द्वारा श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स के सेमिनार हॉल में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राचार्यों, हिंदी विभागाध्यक्षो , प्रोफेसरों और प्राध्यापकों की उपस्थिति में हिंदी के प्रचार प्रसार और उसके विकास के लिए एक विचार गोष्ठी के माध्यम से विचार-विमर्श किया गया। अकादमी द्वारा आयोजित इस विचार गोष्ठी में बहुत बड़ी संख्या में लगभग 40 महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने भागीदारी की । जिनमें मुख्य पीजीडीएवी ,हंसराज , शिवाजी , माता सुंदरी , मिरांडा हाउस ,जानकी देवी , विवेकानंद , जीसस एंड मैरी , दयाल सिंह आदि कॉलेजों ने भाग लिया।

सभी प्राध्यापकों ने हिंदी के प्रचार प्रसार के हेतु क्या-क्या कदम उठाए जाने चाहिए उनकी विस्तार से चर्चा की । कार्यक्रमों के आयोजन के लिए कॉलेज को भी सहयोग करना चाहिए इस विषय पर विशेष बातचीत की गई । इस संगोष्ठी में मुख्यतः इस बात पर बल दिया गया कि महाविद्यालयों में प्रतिमाह छात्रों के लिए कम से कम एक संगोष्ठी का आयोजन किया जाए । नवोदित लेखन योजना को आरंभ किया जाए, महाविद्यालय में प्रकाशित होने वाली पत्रिकाओं के संपादक,छात्र संपादकों को और उनमें प्रकाशित रचनाओं को पुरस्कार प्रदान किया जाए । सुप्रसिद्ध लेखकों की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाए । हिंदी अंताक्षरी प्रतियोगिताओं का आयोजन होना चाहिए । इसके साथ-साथ साहित्यिक विधाओं को प्रोत्साहित करने हेतु रचनात्मक लेखन कार्यशाला का आयोजन किया जाना चाहिए। छात्रों में किताबों के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु 24 पृष्ठ की छोटी पुस्तकों का प्रकाशन किया जाए।

छात्रों को अकादमी की ओर से सभी प्रतियोगिताओं में अच्छी धनराशि पुरस्कार के रूप में देनी चाहिए ; जिससे विद्यार्थियों में लेखन के प्रति लगाव पैदा हो । केवल हिंदी पढ़ने वाले छात्रों को ही नहीं अपितु दूसरे विषयों और संकायों में पढ़ने वाले छात्रों को भी हिंदी लेखन के लिए पुरस्कृत किया जाए। अकादमी के सचिव श्री संजय कुमार गर्ग ने कहा कि महाविद्यालय को चाहिए कि वह हमें अपने कार्यक्रमों का प्रस्ताव भेजें । अकादमी भी समय-समय पर महाविद्यालय में कार्यक्रम आयोजित करेगी । साथ ही विद्यार्थियों को अकादमी से जोड़ने का प्रयास करेगी। हिंदी का विकास तीव्र गति से तभी संभव हो पाएगा जब महाविद्यालयों का सहयोग हम सब को मिलेगा। श्रीराम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स के हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. रवि शर्मा मधुप जी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमें वर्तनी अशुद्धियों को दूर करने के लिए हम सभी को मन से प्रयास करना होगा तभी हम शुद्ध हिंदी भाषा को आगे बढ़ा सकते हैं । हिन्दी के प्रचार प्रसार के लिए उसका सरलीकरण आवश्यक है । लक्ष्मी बाई कॉलेज की प्राचार्या प्रो. प्रत्यूष वत्सला जी ने कहा कि सर्वप्रथम हमें हिंदी को अपनाते हुए हिंदी में बातचीत करनी चाहिए । कार्यक्रम में उपस्थित पीजीडीएवी कॉलेज के प्रो. मनोज कुमार कैन ने हिंदी अकादमी की पूर्व में संचालित योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए सचिव महोदय से उन्हें पुनः जारी रखने का निवेदन किया । प्रो. कैन ने अकादमी से छोटी अवधि के हिंदी भाषा और तकनीक से संबंधित सर्टिफिकेट/ डिप्लोमा कोर्स चलाने की अपील भी की । साथ ही अकादमी का विशेष आभार व्यक्त किया कि अकादमी इस संगोष्ठी के माध्यम से हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए नई पीढ़ी को जागरूक करने के लिए विश्वविद्यालय में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए हिंदी अकादमी के उपसचिव श्री ऋषि कुमार शर्मा ने कहा कि अकादमी का मुख्य उद्देश्य ही हिंदी का प्रचार प्रसार करना है । इसके लिए हम विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कार्यक्रमों के आयोजन की योजनाएं बनाकर कार्य करेंगे। भविष्य में अकादमी के द्वारा हिंदी भाषा को और गति दी जाएगी। इस विचार गोष्ठी में स्मिता मिश्रा, योजना कालिया , विशाल मिश्रा, ज्योति, रवि कुमार, अमरेंद्र, ममता , मोहन , लोकेश शुक्ल,दीनदयाल आदि प्राध्यापकों ने अपने विचार व्यक्त किये। इस विचार गोष्ठी में हिंदी के संवर्धन के लिए कार्य कर रहे विद्यार्थियों और शोधार्थियों को भी प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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