रघु ठाकुर...

रघु ठाकुर की दो पुस्तको का विमोचन, वी एल मीडिया सोलूशन द्वारा प्रकाशित

बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार 

नई दिल्ली। 'समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर भारत के एकमात्र राजनेता हैं जो सामयिक मुद्दों पर लगातार लिख रहे हैं। वे अकेले व्यक्ति हैं जो साहस के साथ सत्ता की आलोचना करते हैं।उनके लेखों में अध्ययन, अनुभव और विचार की गहराई है और उनकी लिखी पुस्तकें स्थायी महत्व की हैं। हमें रघु ठाकुर जी का मजबूती से साथ देना चाहिए,इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने यह विचार दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में रघु ठाकुर की दो पुस्तक ' समस्या और समाधान ' व‌ ' आमजन और राजनीतिक ' के विमोचन समारोह के अवसर पर व्यक्त किये।उन्होंने कहा की राजनीति में शिष्टता,नैतिकता,होनी चाहिए,वही ऐसे नियम हो की गरीब भी चुनाव लड़ सकते हो।

विमोचन समारोह में उत्तरप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित, हरिजन सेवक संघ के उपाध्यक्ष लक्ष्मी दास, राज्यसभा के सदस्य संजय सिंह, राजनाथ शर्मा ( बाराबंकी) उपस्थित थे, अध्यक्षता रघु ठाकुर ने की। विभिन्न समाचारपत्रों में प्रकाशित रघु ठाकुर के चयनित लेखों पर आधारित 'समस्या और समाधान' व आमजन और राजनीति ' पुस्तक का पुरोकथन रामबहादुर राय ने लिखा है और सम्पादन डाक्टर शिवा श्रीवास्तव ने किया है।

प्रकाशन वी एल मीडिया सॉल्यूशंस ने किया है। 

अध्यक्षीय उद्बोधन में रघु ठाकुर ने कहा कि हिन्दुस्तानी संसद के चरित्र को बदलने के लिए जरूरी है कि संसद गरीब के साथ एकाकार हो । जो सांसद निधि आमदनी का जरिया बन गयी है उसकी समाप्ति की जरूरत है।भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए कई स्तरों पर प्रयास की जरूरत है। पहला तो यही कि हमें हर गलत काम के लिए ' न ' कहना सीखना होगा। देश में हर प्रकार की कट्टरता समाप्त कर संवाद का वातावरण बनाने के साथ इस तरह के चुनाव- सुधार की जरूरत है । उन्होंने कहा कि आज समाजवाद के लिए यह जरूरी है।

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में परस्पर असमहमति के बात भी चर्चा चलती रहती है। देश में पूंजीवाद को समाप्त करने के लिए कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गॉंधी का रास्ता ही खुशहाली का रास्ता है। 

उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि रघु ठाकुर के लेखों को पढ़ने के बाद हमें यह बात समझ में आती है कि हमें अतीतजीवी अस्मिताओं को समाप्त कर राष्ट्रीय भारतीय अस्मिता कायम करने की जरूरत है जिसे जर्मन विद्वान मैक्समूलर ने अपनी रचना ' भारत से हम क्या सीख सकते हैं ' भारत की विशेषता कहा है। उन्होंने आए हुए दर्शको का आभार व्यक्त किया, भरी संख्या में लोगों उपस्थित रहे रहे।

हरिजन सेवक संघ के उपाध्यक्ष लक्ष्मी दास ने कहा कि महात्मा गाँधी के आदर्शों के प्रति आस्थावान रघु ठाकुर जैसे लेखकों का अब अकाल होता जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन नित्यानंद तिवारी,वी एल मीडिया सॉल्यूशन के प्रबंधक ने किया।

Comments