एयर पोर्ट की सुरक्षा को लेकर नही होना चाहिए खिलवाड़ : सवेंद्र सिंह
बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार
नई दिल्ली। देश के सभी एयर पोर्ट पर सुरक्षा के मद्देनजर बेहतर स्क्रीनिंग मशीनों को लगवाना सरकार का दायित्व है ,वही एयरपोर्टों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर करोड़ो रुपए खर्च किए जाते हैं,लेकिन फिर भी रोजाना भारी चूक होने से सरकार के साथ आम लोगो को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता हैं।
सुप्रीम कोर्ट के काउंसिल सवेंद्र सिंह ने एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि किस प्रकार एयरपोर्टो पर लगने वाली स्क्रिंग मशीन का ऐसी कंपनी को टेंडर दिया जा रहा है जिसका इतिहास काफी खराब है और लगातार कंपनी के खिलाफ शिकायतें भी होती रही हैं।जिसमे सबसे ज्यादा आग लगने की घटनाएं हैं जिससे सरकार को करोड़ो का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
सवेंद्र सिंह काउंसिल सुप्रीमकोर्ट ने एक प्रेस वार्ता में बताया की केंद्र सरकार जहां भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस अपनाती हैं ,वही मोदी सरकार भारत में विदेशी निवेश के लिए नए दिशा निर्देश भी देती रहती हैं,लेकिन कुछ प्रशासनिक अधिकारी सचेत नही रहना चाहते, सवेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि,नए टेंडर प्रक्रिया में केवल उसी कंपनी को फायदा पहुंचाया गया जिसकी शिकायते भी लगातार होती रही। वही उस कंपनी द्वारा लगाई गई स्क्रीनिंग मशीनों में आग लगने की घटनाएं भी सबसे ज्यादा हुई ,जिसमें इंदौर एयर पोर्ट,पर एक्सबीआईएस मशीन में आग लगी थी, बताते चले कि यही के सुपरवाइजर ने स्क्रीनिग मशीन के सही काम न करनें की शिकायत प्रशासन से की थी।
उन्होंने बताया की लगभग 102 एयर पोर्ट पर 700 मशीनें लगाई जाती हैं, जिसका काम एयरपोर्ट पर समंगलिंग को रोकना वही संदिग्ध वस्तुओ पर निगरानी रखना है। सवेंद्र सिंह ने कहा कि कई कंपनियों के टेंडर भरने के बाद उनको किसी भी प्रकार से कारण बता कर रद्द करना और पुरानी कंपनी को बार बार टेंडर देना ,बड़े भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने जैसा प्रतित होता है इसमें कई बड़े अधिकारी भी शामिल है हम मांग करते हैं कि टेंडर प्रक्रिया की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
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