गुरमत कैंप में बच्चों ने बेमिसाल प्यार और सत्कार दिया : जसप्रीत सिंह करमसर
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ल। दिल्ली सिक्ख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन स. जसप्रीत सिंह करमसर ने कमेटी द्वारा लगाये गये गुरमत कैंप 2024 की अपार सफलता के लिए सारी संगत को बधाई देते हुए कहा कि इन कैंप में बच्चों द्वारा उन्हें बेमिसाल प्यार व सत्कार दिया गया है। यहां बातचीत करते हुए स. करमसर ने बताया कि गुरमत कैंप की समाप्ती पर बच्चों ने बहुत आर्कषक और सुँदर ग्रीटिंग कार्ड बना कर अपना प्यार और सत्कार प्रक्ट किया है। उन्होंने बताया कि इन कार्डों पर ‘‘गुरबाणी पढ़ें, गुरबाणी विचारें, आओ हम सिक्खी को सँवारे, धन्यवाद आपका जिन्होंने हमें इस तरफ लगाया, माँ बोली पंजाबी हमारी, गुड़ से भी मीठी डाढी, इसमें माँ ने लोरियां गाई, नानी-दादी ने घोड़ियाँ गाई, अमृत जैसी सुच्ची है, सबसे ऊँची है पंजाबी बजुर्गो की दुआ जैसी, पंजाबी निरी खुदा जैसी‘‘ आदि सलोग्न लिखकर दिल्ली सिक्ख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी का आभार जताया है।
स. करमसर ने कहा कि कुछ बच्चों ने प्यार व सत्कार की भावना से उन्हें चाॅकलेट और टाॅफियों के गिफ्ट पैक भी बनाकर दिये और प्रबंधकों का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि यह गुरमत कैंप लगाना समय की बहुत बड़ी जरूरत है। दिल्ली में गली-गली में नगर कीर्तन निकलते हैं और दीवान सजाये जाते हैं जहाँ बच्चे गुरमत जीवन जाच के साथ जुड़ना सीखते हैं परन्तु मंदभागा है कि पंजाब में सिक्खी का यह प्रचार नहीं हो रहा जिस कारण ईसाई धर्म का प्रचार अधिक हो रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब में भी धर्म प्रचार की मुहिम को तेज करने की आवश्यकता है।
डीएसजीएमसी अध्यक्ष स. हरमीत सिंह कालका व महासचिव स. जगदीप सिंह काहलों का आभार जताते हुए स. करमसर ने बताया कि उन्होंने धर्म प्रचार कमेटी को पूर्ण अधिकार दिये हैं जिस कारण दिल्ली से बाहर के राज्यों में भी हम युद्धस्तर पर धर्म प्रचार करने में सफल रहे हैं।उन्होंने कहा कि अब समय ऐसा आ गया है जब अभिभावकों को खुद अपने बच्चों को पास बिठाकर पंजाबी सिखानी पड़ेगी व गुरमत का ज्ञान देना होगा व गुरसिक्खी जीवन सिखाना होगा। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली कमेटी द्वारा हर सँभव प्रयास करके बच्चों को गुरमत जीवन के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं और भविष्य में भी करते रहेंगें। स. करमसर ने गुरमत कैंप में सहयोग देने वाले सभी साथियों का भी आभार प्रक्ट किया।
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