इंडिया हेल्थ प्रदर्शनी के पहले संस्करण की हुई शुरूआत
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। भारत के प्रमुख प्रदर्शनी आयोजनकर्ता इनफोर्मा मार्केट्स इन इंडिया द्वारा आयोजित ‘इंडिया हेल्थ’ एक्सपो के पहले संस्करण की शुरूआत नई दिल्ली के द्वारका स्थित आधुनिक यशोभुमि में हुई। इस मंच पर उद्योग जगत के सभी हितधारक एकजुट हुए हैं जिनमें बायोमेडिकल इंजीनियर, पैथोलोजिस्ट, रेडियोलोजिस्ट, हॉस्पिटल कन्सलटेन्ट, मेडिकल डिवाइस वितरक, चिकित्सक, प्रोक्यरोमेन्ट मैनेजर, आर एण्ड डी पेशेवर एवं अन्य विनियामक प्रतिनिधि शामिल है। अरब हेल्थ प्रदर्शनी से प्रेरित इंडिया हेल्थ का उद्देश्य हेल्थकेयर के आधुनिकीकरण के लिए विश्वस्तरीय मंच उपलब्ध कराना तथा लर्निंग, नेटवर्किंग के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर गणमान्य दिग्गज जैसे श्री इस्तवन सज़ाबो, हंगरी के अम्बेसडर, नई दिल्ली; महामहिम श्री जगन्नाथ सामी, फिजी गणराज्य के उच्चायुक्त; डॉ गिरधर ज्ञानी, एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया के महानिदेशक; श्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य, महासचिव, हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया- नेटहेल्थ; श्री अभिनव ठाकुर, एमडी, एक्युरेक्स बायोमेडिकल (एडीएमआई प्रतिनिधि); डॉ राजीव चिब्बर- वाईस प्रेज़ीडेन्ट, एक्सटर्नल अफेयर्स, सहजानंद मेडिकल टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड एवं जॉइंट कोऑर्डिनेटर, गवर्नमेन्ट एण्ड पब्लिक अफेयर्स, एआईएमईडी, श्री पीटर हॉल; अध्यक्ष मध्य पूर्व, भारत, तुर्किए एवं अफ्रीका, इन्फोर्मा मार्केट्स; वाउटर वोलमन, चीफ़ कमर्शियल ऑफिसर, मध्य पूर्व, भारत, तुर्किए और अफ्रीका, इन्फोर्मा मार्केट्स; श्री योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया; श्री राहुल देशपांडे, सीनियर ग्रुप डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया मौजूद रहे।
इंडिया हेल्थ के लॉन्च के अवसर पर श्री योगेश मुद्रास, मैनेजिंग डायरेक्टर, इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया ने कहा, ‘‘भारत में हेल्थकेयर सबसे बड़े सेक्टरों में से एक के रूप में उभरा है, जहां सार्वजनिक एवं निजी सेक्टरों के निवेश, बढ़ते कवरेज एवं बेहतर सेवाओं के चलते तेज़ी से विकास हो रहा है। मेडिकल डिवाइसेज़ की दृष्टि से भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा मार्केट है, जहां टेलीमेडिसिन एवं एआई ऐप्लीकेशन्स में तेज़ी से प्रगति हुई है, जिसके चलते आने वाले समय में सेक्टर में उल्लेखनीय विकास की संभावनाएं हैं। एक अनुमान के मुताबिक 2025 तक टेलीमेडिसिन 5.4 बिलियन डॉलर के आंकड़े तक पहुंच जाएगा, और एआई भी 2024 तक 45 फीसदी सालाना की दर से बढ़ रहा है। विकास की इस तीव्र दर को देखते हुए हेल्थटेक सेक्टर में बड़ी संख्या में नौकरियों के अवसर उत्पन्न होंगे। यह प्रदर्शनी देशी-विदेशी ब्राण्ड्स को एक मंच पर लाकर विभिन्न सेक्टरों में आपसी साझेदारियों और इनोवेशन्स का मार्ग प्रशस्त करेगा। ट्रांसफोर्मेशन ज़ोन, स्टार्ट-अप पैविलियन और कंटेंट-रिच कॉन्फ्रैन्स सम्मेलन का आकर्षण केन्द्र होंगे जो सेक्टर में मौजूद अवसरों, इनोवेशन्स एवं चुनौतियों तथा भारत के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में इसकी भूमिका पर रोशनी डालेंगे।
एक्यूरेक्स बायोमेडिकल के एमडी और एसोसिएशन ऑफ डायग्नोस्टिक मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इंडिया (एडीएमआई) के पूर्व सचिव श्री अभिनव ठाकुर ने कहा, “इन विट्रो डायग्नोस्टिक्स उद्योग 80 बिलियन डॉलर का वैश्विक बाजार है, जिसमें भारत का योगदान 1.5 बिलियन डॉलर है, जो हमें जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद एशिया में चौथा सबसे बड़ा बनाता है। उल्लेखनीय रूप से, हम वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाले बाजार हैं, जो साल दर साल 15-20% की दर से बढ़ रहा है। वैश्विक स्तर पर, हमारा बाजार हिस्सा शीर्ष 20 में है, और डायग्नोस्टिक्स चिकित्सा उपकरणों का सबसे तेजी से बढ़ने वाला खंड है। 70% चिकित्सा निर्णय डायग्नोस्टिक रिपोर्ट पर आधारित होते हैं, फिर भी डायग्नोस्टिक्स मरीज के बिल का केवल 2% हिस्सा होता है। यह स्पष्ट विरोधाभास निवारक चिकित्सा में डायग्नोस्टिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है। उदाहरण के लिए, कैंसर जैसी बीमारियों का जल्दी पता लगाने से महत्वपूर्ण लागत बच सकती है और रोगी की पीड़ा कम हो सकती है।
हेल्थ एटीएम जैसे नवाचार, जो बिना किसी प्रयोगशाला के कहीं भी, कभी भी जांच करने में सक्षम बनाते हैं, विशेष रूप से ग्रामीण भारत के लिए गेम-चेंजर हैं, जहां 60% आबादी रहती है। इस तरह की प्रगति निदान के लिए समान पहुंच सुनिश्चित करती है, जो कि भविष्य कहनेवाला स्वास्थ्य सेवा और बीमारी की रोकथाम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उदाहरण के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में जांच के लिए स्वच्छ पानी जैसी लॉजिस्टिक चुनौतियों के बावजूद, कोविड के बाद पोर्टेबल समाधान सामने आए हैं, जिससे दूरदराज के स्थानों में परिष्कृत निदान सुलभ हो गया है। 150 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शकों को लाने वाले इंडिया हेल्थ जैसे कार्यक्रम इस अंतर को पाटने, सहयोग को बढ़ावा देने, हमारी 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देने और निदान को अधिक किफायती बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।”
हेल्थकेयर क्षेत्र के विकास पर जोर देते हुए हेल्थकेयर फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव श्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य ने कहा, "वर्तमान में, भारत में स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य एक महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है। देश की नीतियाँ 'सभी के लिए स्वास्थ्य' और 'मेक इन इंडिया' की ओर तेजी से बढ़ रही हैं, जो पारंपरिक संदर्भों से परे स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास को दर्शाता है। हम मानव संसाधन, नर्सिंग, शिक्षा और जीवन विज्ञान क्षेत्र में मजबूत वृद्धि देख रहे हैं। इसके अतिरिक्त, डेटा, साक्ष्य-आधारित शोध और स्थानीय नवाचारों पर महत्वपूर्ण जोर दिया जा रहा है। सरकार नियामक नीतियों को अधिक सुलभ और कुशल बनाकर स्टार्ट-अप और अभिनव समाधानों का समर्थन करने के लिए उत्सुक है। साथ में, ये प्रयास भारत में स्वास्थ्य सेवा के भविष्य के लिए एक गतिशील मॉडल को आकार दे रहे हैं, जो विकास और नवाचार के माहौल को बढ़ावा दे रहे हैं।
भारत और फिजी के बीच महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा सहयोग पर प्रकाश डालते हुए, फिजी गणराज्य के उच्चायुक्त श्री जगन्नाथ सामी ने कहा, "अधिकांश प्रशांत द्वीप देश बीमारियों की पहचान देर से करते हैं, इसलिए हमारा ध्यान बीमारियों को रोकने और स्वास्थ्य परिणामों को बेहतर बनाने के लिए निदान पर है। भारत स्वास्थ्य प्रदर्शनी इन समाधानों को तलाशने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करती है। हमारे देश गहरे सांस्कृतिक और भाषाई संबंध साझा करते हैं, फिजी में कई लोगों की जड़ें भारतीय हैं। हम स्वास्थ्य केंद्रों और फार्मेसियों सहित अपने स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, और हम प्रशांत द्वीप समूह में निदान को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पिछले साल, भारत के प्रधान मंत्री ने फिजी के लिए 100-बेड वाले सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल की घोषणा की, जो भारत-फिजी संबंधों की बढ़ती ताकत को उजागर करता है। हमारा लक्ष्य अपने क्षेत्र में स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए इस साझेदारी का लाभ उठाना है।"
डॉ. राजीव छिब्बर, सहजानंद मेडिकल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष, एक्सटर्नल अफ़ेयर्स और एआयएमइडी के संयुक्त समन्वयक, गवर्मेंट और पब्लिक अफ़ेयर्स ने कहा, "इंडिया हेल्थ एक्सपो में, भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य पर प्रौद्योगिकी के परिवर्तनकारी प्रभाव को प्रमुखता से उजागर किया गया है। भारत का चिकित्सा उपकरण उद्योग पहले से ही 11 बिलियन डॉलर का है और 2030 तक 50 बिलियन डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, जिसे पिएलआई योजना और आत्मनिर्भर भारत जैसी पहलों से बल मिला है, नवाचार और वैश्विक गठबंधनों पर ध्यान स्वास्थ्य सेवा वितरण में नए मानक स्थापित कर रहा है। यह सहयोगात्मक प्रयास ग्रामीण समुदायों से लेकर महानगरीय क्षेत्रों तक समाज के सभी स्तरों पर वहनीयता, पहुँच और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को बढ़ाने का वादा करता है, जिससे संचारी और गैर-संचारी दोनों तरह की बीमारियों में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।"
इंडिया हेल्थ के पहले संस्करण में विभिन्न सेक्टरों जैसे मेडिकल इक्विपमेन्ट एण्ड डिवाइसेज़, ऑर्थोपेडिक्स एवं फिज़ियोथेरेपी, इमेजिंग एण्ड डायग्नॉस्टिक्स, हेल्थकेयर एवं जनरल सर्विसेज़, आईटी सिस्टम एवं समाधानों, हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं असेट्स, वैलनैस एवं प्रीवेन्शन से 300 से अधिक देशी-विदेशी ब्राण्ड हिस्सा ले रहे हैं। प्रदर्शनी में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों में शामिल हैं- केएलएस मार्टिन ग्रुप, मेडिकाबाज़ार, मिडमार्क, नारंग मेडिकल लिमिटेड, ज़िमर, मेडिजिनसिस्टेमे जीएमबीएच, मेड फ्रैश प्राइवेट लिमिटेड, पलक्कड़, सर्जिकल इंडस्ट्रीज़ प्रा. लिमिटेड, नीलकमल लिमिटेड। हंगरी दूतावास इसमें कंट्री पार्टनर की भूमिका निभा रहा है। आयोजन को प्रतिष्ठित संगठनों जैसे एसोसिएशन ऑफ डायग्नॉस्टिक्स मैनुफैक्चरर्स ऑफ इंडिया, मेडिकल टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ऑफ इंडिया का समर्थन प्राप्त है।
addComments
Post a Comment