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पीडब्ल्यूडी के भ्रष्ट तंत्र और गुंडागर्दी से आरटीआई कार्यकर्ता प्रताड़ित

कुलवंत कौर, संवाददाता 

राजधानी दिल्ली। आरटीआई कार्यकर्ता राहुल भारत ने जानकारी देते हुए बताया की पीडब्ल्यूडी साउथ वेस्ट रोड 2 डिवीजन में बरसाती नालो की सफाई के मैनुअल कराए जाने को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग में 12 मई 2021 को पीडब्ल्यूडी दक्षिण पश्चिम रोड - 2 के कार्यपालक अभियंता को शिकायत दी थी, जिसके लिए उन्होंने संबंधित कार्यपालक अभियंता को कई रिमाइंडर भी दिए लेकिन पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने 2021 - 22, 2022 - 23 और 2023 - 24 में ठेकेदार सुरेंद्र सिंह के साथ मिलकर भ्रष्टाचार जारी रखा।

राव लक्ष्मी चंद मार्ग पर 131/EE/PWD/SWR -II/2021-22/00007, सीएमबी नंबर - 1037, 1093 खैरा मोड़ से दादी खिम्मी मंदिर की 2 बार मेजरमेंट और पेमेंट कर दी गई, जहां नाला नही है वहां भी नाले की मेजरमेंट कर ठेकेदार सुरेंद्र सिंह को फायदा पहुंचाया गया। ठेकेदार सुरेंद्र सिंह के पास केवल 2 सुपर सकर मशीन है जबकि कार्यपालक अभियंता आशीष गुप्ता ने अपनी दक्षिण पश्चिम रोड - 2 की 5 सब डिवीजन में बरसाती नालों की सफाई के 7 टेंडर जारी कर दिए।

ठेकेदार सुरेंद्र सिंह एवरेज टेंडर 40 से 50 प्रतिशत कम रेट पर लेता था लेकिन कार्यपालक अभियंता आशीष गुप्ता के आशीर्वाद से बरसाती नालों के टेंडर 9.99 प्रतिशत की दर पर लेना शुरू कर दिया, इसमें टेंडर रेट पर पिछले टेंडर रेट के मुकाबले लाखों रुपए महंगा था, जिसमे ठेकेदार को सीधा लाखों रुपए का फायदा पहुंचाया गया।

सबूतों के साथ बार बार शिकायत करने के बाद पीडब्ल्यूडी सब डिवीजन 2 के अधिकारियों सहायक अभियंता के. जी मीणा, कनिष्ठ अभियंता संजीव चौधरी और पीडब्ल्यूडी सुपरवाइजर अमित आरटीआई कार्यकर्ता राहुल भारत के घर धमकी देने पहुंच गए, जिसकी शिकायत जाफरपुर पुलिस थाने में 20 जनवरी 2024 को कर दी गई है।

आरटीआई लगाने के बाद भी महीनो आरटीआई का जवाब नही दिया जाता और गलती से जो जवाब दिए गए ,उनसे जुड़े डॉक्यूमेंट्स लेने के लिए ना फीस भी नही बताई जा रही। प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्देश देने के बाद जन सूचना अधिकारी दक्षिण पश्चिम रोड - 2 के द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता को जवाब नही दिया जा रहा है।

2021 से लेकर 2024 तक उच्च अधिकारियों से लगातार शिकायत सबूत के साथ करने के बाद भी पीडब्ल्यूडी के उच्च अधिकारियों द्वारा अभी तक ना शिकतकर्ता को सुना गया, ना सुनवाई के लिए कोई पत्र भेजा गया और ना ही भ्रष्ट अधिकारियों पर आरटीआई कार्यकर्ता को प्रताड़ित करने के लिए कोई कार्यवाही या जांच की गई। इतनी शिकायते करने के बाद भी आरटीआई कार्यकर्ता के पास अब केवल न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के अलावा कोई रास्ता शेष नहीं है।

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