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अक्षय पात्र फाउंडेशन ने परोसा चार अरब लोगों को अन्न, संयुक्त राष्ट्र में मना जश्न

बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार 

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र संघ में अक्षय पात्र का सम्मान गर्व की बात है। भोजन वितरण के लिए श्रील प्रभुपाद से प्रेरणा मिली। उन्हीं की प्रेरणा से अब संस्था ने 400 करोड़वी थाली परोसने का जश्न मनाया है। वर्तमान में 24 हजार से अधिक स्कूलों में भोजन संस्था पहुंचा रही है। संस्था की अत्याधुनिक रसोई आज अध्ययन का विषय बन गई है। दुनिया भर के लोग रसोई देखने आते हैं,यह कहना था भरतर्षभा दासा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, द अक्षय पात्र फाउंडेशन का।

संस्थापक-अध्यक्ष श्री मधु पंडित दास के साथ-साथ श्री एन.आर. नारायण मूर्ति और श्री कैलाश सत्यार्थी जैसी उल्लेखनीय हस्तियों सहित प्रतिष्ठित वक्ता शामिल।

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत ने वैश्विक स्तर पर देश की उपलिब्ध का जश्न मनाया। न्यूयार्क में आयोजित कार्यक्रम खाद्य सुरक्षा में उपलब्धियां: सतत विकास लक्ष्यों की ओर भारत के स्थायी मिशन ने भारत सरकार और अक्षय पात्र फाउंडेशन की उस पहल के बारे में बताया जिसके तहत चार अरब लोगों को भोजन परोसा गया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश पढ़ा। पीएम ने संदेश में कहा कि गर्व और खुशी के साथ मैं अक्षय पात्र फाउंडेशन की टीम चार अरब लोगों की भोजन परोसने की उपलिब्ध के लिए बधाई देता हूं। यह उत्सव खाद्य सुरक्षा में भारत के योगदान की मान्यता है।प्रधान मंत्री के कहा कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भोजन परोसने से इस मील के पत्थर का महत्व और भी उजागर होता है, जो वैश्विक कल्याण के लिए जुनून दिखाता है। 

बच्चों के अधिकारों के समर्थक और एसडीजी के कट्टर समर्थक नोबल पुरस्कार विजेता श्री कैलाश सत्यार्थी ने अक्षय पात्र फाउंडेशन की सरहाना की। उन्होंने कहा कि अक्षय पात्र लाखों बच्चों की स्कूल छोड़ने से रोकने में सफल रहा है। उनका नोबेल कार्य युवाओं को उनकी वास्तविक क्षमता हासिल करने में मदद करके देश को कई कदम आगे ले जाएगा।

इन्फोसिस के मानद चेयरमैन एनआर नारायण मूर्ति ने कहा कि अक्षय पात्र यह सुनिश्चित करने के लिए संघर्षरत है कि कोई भी बच्चा भूख के कारण शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की मजबूत नींव के बिना कोई भी देश अपने नागरिकों के लिए समृद्धि बढ़ाने के लिए एक मजबूत और टिकाऊ मार्ग नहीं बना सकता है। ऐसी नींव के लिए बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन की आवश्यकता होती है। अक्षय पात्र की भव्यता" और यह सुनिश्चित करने के लिए नेक लड़ाई कि कोई भी बच्चा भूख के कारण शिक्षा से वंचित न रहे, इस जटिल पहेली में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मैं इस सुनियोजित और मजबूत मध्याह्न भोजन योजना के लिए अक्षय पात्र के नायकों की सराहना करता हूं, सराहना करता हूं, सलाम करता हूं और बधाई देता हूं। ।”

अक्षय पात्र फाउंडेशन के संस्थापक-अध्यक्ष मधु पंडित दासा ने कहा कि हम अक्षय पात्र को भारत के साथ ही उन देशों में भी ले जाना चाहते हैं जो हमें बच्चों की सेवा के लिए वहां की सरकार के साथ काम करने का अवसर देंगे। श्री मधु पंडित दासा ने भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय, राज्य सरकारों, कॉर्पोरेट भागीदारों, व्यक्तिगत दानदाताओं और बड़े पैमाने पर समुदाय सहित सभी हितधारकों को उनके निरंतर समर्थन के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रत्येक स्कूल दिवस पर बच्चों को गर्म, पौष्टिक, सुरक्षित और स्वादिष्ट भोजन परोसने की प्रतिबद्धता भी दोहराई और आगे कहा कि फाउंडेशन विभिन्न नवीन पहलों के माध्यम से मध्याह्न भोजन के प्रभाव को बढ़ाने का प्रयास करेगा।

अक्षय पात्र की भोजन परोसने की यात्रा 2000 में शुरू हुई। 2012 तक एक अरब लोगेां को भोजन परोसा गया। 2016 तक यह संख्या दो अरब हुई। 2019 में तीन अरब लोगों को भोजन परोसने की उपलिब्ध हासिल की। अक्षय पात्र भारत सरकार के पीए पोषण अभियान के लिए गैर-लाभकारी कार्यान्वयन भागीदार है। यह बच्चों की हर दिन सरकार और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में स्वच्छ,सुरक्षित और गर्मा गरम मध्याह्न भोजन उपलब्ध करता है। फाउंडेशन भारत के 16 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 72 स्थानों पर 24,082 स्कूलों में 21 लाख बच्चों को खाना खिलाता है।

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