संदेशखाली में...

संदेशखाली में महिलाओँ का शोषण, एक वर्ग हाशिए पर रहा : निर्मल कौर

बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार 

नई दिल्ली। संदेशखाली की घटनाएँ, उसके बाद मीडिया एवं आम जन की आवाज को दबाया जाना यह साबित करता है कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं का एक वर्ग जो हाशिए पर रह रहा है वह वहां अकल्पनीय भयावहता के साथ जी रहा है और लोकतांत्रिक बहाली की किसी भी उम्मीद के बिना, सत्तारूढ़ दल और उसके कैडर के हाथों व्यवस्थित यौन शोषण का शिकार हो रहा है। जहां बुनियादी मानवाधिकार तक मौजूद नही हैं।

झारखंड की पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर ने 13 मार्च 2024 को दिल्ली में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में पेशेवर महिलाओं के समूह नारी शक्ति संगम द्वारा आयोजित एकजुटता सम्मेलन में पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की महिलाओं के लिए स्पष्टता और दृढ़ता से बात की। पूर्व पुलिस महानिदेशक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे संदेशखाली और उसके आसपास के गांवों जैसे झुपखाली की महिलाएं और अन्य लोग अब शेख शाहजहां, तृणमूल कांग्रेस नेता और उनके रिश्तेदारों और पार्टी कैडर के व्यवस्थित बलात्कार और आर्थिक शोषण के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं।

संदेशखाली फाइल्स: बंगाल का लोकतंत्र कोमा में शीर्षक वाला कार्यक्रम, यहां प्रभावी वक्ताओं का एक सशक्त जमावड़ा रहा , जिन्होंने एक महिला मुख्यमंत्री के शासन में पश्चिम बंगाल में हाशिए पर पड़ी महिलाओं की त्रासदी पर प्रकाश डाला। अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने बताया कि कैसे पश्चिम बंगाल में सरकार ने सबसे कमजोर और सबसे सीमांत महिलाओं को बलात्कार और उत्पीड़न के लिए चुना जहां  व्यवस्थित रूप से महिलाओं के अधिकारों और बुनियादी मानवाधिकारों की हत्या कर दी है। उन्होंने इस बारे में बात की कि कैसे सत्तारूढ़ दल द्वारा बलात्कार की शिकार महिलाओं को भाजपा पार्टी के समर्थकों के रूप में चित्रित करके इस व्यवस्थित हिंसा को वैध बताया जाता रहा । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चर्चा का केंद्र अपराध होना चाहिए न कि पीड़ितों की राजनीतिक पहचान। उन्होंने दिल्ली की महिलाओं से पश्चिम बंगाल की अपनी दुर्भाग्यपूर्ण बहनों के लिए आवाज उठाने को कहा।

एनएचआरसी के पूर्व सदस्य और भारत के सुप्रीम कोर्ट के वकील ओपी व्यास ने बंगाल दौरे और संदेशखाली की महिलाओं से मिलने के अपने अनुभव को बताया । उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इस गांव और आसपास के इलाकों की महिलाएं शेख शाहजहां के आतंक के तहत जी रही हैं, जिन्होंने न केवल इन महिलाओं को यौन रूप से निशाना बनाया है, बल्कि संदेशखली में सबसे कमजोर लोगों की जमीनें छीनकर व्यवस्थित रूप से अपनी संपत्ति और शक्ति भी बनाई है।

वरिष्ठ पत्रकार और मीडियाकर्मी अश्वनी द्वारा संदेशखाली पर बनाई गई एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई, जिसने संदेशखाली की भयावहता का सबूत दिया। डीपीसीओ, एमरी ने संदेशखाली की महिलाओं के दमन में राज्य एजेंसियों की मिलीभगत पर प्रकाश डाला। इसमें पश्चिम बंगाल में लोगों और मीडिया के डर और आवाज़ के दमन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। जिसमें महिलाएं खुलकर सामने आईं और कहा कि शेख शाहजहां और टीएमसी कैडर द्वारा रात में युवा महिलाओं को उठाया गया, पार्टी कार्यालय में उनके साथ बलात्कार किया गया।

संदेशखली फाइलों के विवरण से स्तब्ध प्रतिभागियों के साथ कार्यक्रम एक गंभीर सन्देश देते हुए समाप्त हुआ। नारी शक्ति संगम अधिवक्ता प्रतिमा लाकरा एवं अन्य व्यवसायी महिलाओं का एक सशक्त समूह है जो महिलाओं के मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।

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