पीजीडीएवी महाविद्यालय में...

पीजीडीएवी महाविद्यालय में तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव मनाया गया

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के पीजीडीएवी महाविद्यालय में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 27 से 29 फरवरी तक तीन दिवसीय वार्षिक सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया गया। इस तीन दिवसीय उत्सव के प्रथम दिन 27 फरवरी को बहुत ही भव्यता के साथ उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री माननीय श्री अरूण सिंह, प्रज्ञा प्रवाह के अखिल भारतीय संयोजक माननीय श्री जे. नंदकुमार जी एवं पत्रकारिता जगत से श्री शुभंकर मिश्रा जी की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. कृष्णा शर्मा ने सभी अतिथियों को शॉल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट करके स्वागत किया, साथ ही उन्होंने अपने स्वागत वक्तव्य में सभी अतिथियों एवं छात्रों को अपने इस सांस्कृतिक उत्सव के नाम के परिवर्तन की जानकारी सांझा की। प्राचार्या मैम ने बताया कि पहले इस उत्सव को "आगाज़" नाम से मनाया जाता था, जिसे इस वर्ष "आरोहण" नाम दिया गया।

इस अवसर पर माननीय श्री अरुण सिंह ने अपने संबोधन से कहा कि मैं आज आप सभी के मध्य आकर बहुत ही प्रसन्नता महसूस कर रहा हूं, उन्होंने बताया कि इस उत्सव का नाम आरोहण रखा गया है, इस शब्द में ही सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक आदि चहुमुखी उन्नति का भाव द्योतित हो रहा है। सभी छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप सभी इस देश के कर्णधार है, आप सभी नित उन्नति की ओर अग्रसर रहें, यही कामना करता हूं। 

इस उत्सव के उद्घाटन सत्र के पश्चात् प्रथम दो दिन महाविद्यालय परिसर में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें सामूहिक नृत्य, सामूहिक गीत, फोटोग्राफी, समाज को जागृत करने वाले नाटक आदि प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया। इन सभी प्रतियोगिताओं में दिल्ली स्थित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र समूह ने भाग लिया।

इस उत्सव के अंतिम दिन 29 फरवरी 2024 को श्री राम सेंटर, मंडी हाउस ऑडिटोरियम में "अभिव्यक्ति स्टेज प्ले" का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। साथ ही सभी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. कृष्णा शर्मा ने सभी विजेताओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मैं आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूं। इसके साथ ही यह तीन दिवसीय उत्सव का समापन हो गया।

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