बेटी बचाओ' या 'दोषी बचाओ' ?- डॉ. सीमा मलिक, राष्ट्रीय प्रवक्ता, एनसीपी
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। बिलकिस बानो के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने बीजेपी के महिला विरोधी चेहरे को बेनकाब कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से ये साबित होता है कि बीजेपी ने बलात्कारियों को बचाने की प्रक्रिया अपनाई थी। बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एनसीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सीमा मलिक ने कहा कि ये फ़ैसला न्याय की जीत है। सर्वोच्च अदालत के इस फैसले के बाद आम लोगों में भी देश की न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास और मजबूत होगा।
उन्होंने कहा बीजेपी ने जिस तरह से इन बलात्कारियों को बचाने की प्रक्रिया अपनाई थी, वो अब देश के सामने है। बिलकिस बानो जैसा मामला समाज के लिए भयानक है, लेकिन फिर भी इन दोषियों को रिहा कर दिया गया। इस मामले में गुजरात सरकार की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि उन्होंने ही इन 11 दोषियों की रिहाई को मंजूरी व सहमति दी थी।
हैरानी की बात तो ये है कि जब देश के प्रधानमंत्री 15 अगस्त 2022 को लाल किले से बेटी बचाओ और आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का नारा दे रहे थे, तो उधर गुजरात में बिलकिस बानो के बलात्कारियों की रिहाई हो रही थी। बलात्कारियों का स्वागत किया जा रहा था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद मैं बीजेपी नेताओं से मांग करती हूं कि उन्हें देश की करोड़ों बेटियों से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि बीजेपी अब बेनकाब हो चुकी है।
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