स्वास्थ्य मंत्रालय...

सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA) के तहत अधिसूचना जारी : स्वास्थ्य मंत्रालय 

बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार 

नई दिल्ली। ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ पर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (COTPA) के तहत नए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है। मंत्रालय द्वारा कोटपा में नए नियम जोड़े गए हैं। इसके तहत ओटीटी प्लेटफॉर्म या स्ट्रीमिंग सेवाओं पर अभिनेता के धूम्रपान करने वाले सीन के दौरान अब से स्वास्थ्य चेतावनी प्रदर्शित करनी होगी।

नए नियमों के अनुसार, धूम्रपान के दृश्यों वाली सभी फिल्मों वेब सीरिज के आरंभ में और बीच में जब इस तरह के दृश्य आएंगे तो उस समय स्वास्थ्य चेतावनी दिखाने का नियम बना है। भारत सरकार ने कोटपा अधिनियम 2003 की धारा 31 द्वारा कोटपा 2004 में नए बदलाव के लिए निम्नलिखित नियम जारी किए हैं । इन नियमों का संक्षिप्त नाम कोटपा संशोधन  2023 है। अधिनियम 2004 में नियम 10 के बाद नए नियम जोड़े गए हैं।

ओटीटी को रेगुलेट करने के लिए संघर्ष कर रही संस्था नाडा इंडिया फाउंडेशन ने स्वास्थ्य मंत्री श्री मनसुख मंडविया का सादर आभार जताया है। नाडा इंडिया के राष्ट्रीय संयोजक  श्री सुनील वत्स्यायन ने कोटपा में नए बदलाव से संबंधित जानकारी को लोगों तक पहुंचाने का आह्वान किया। स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे प्राथमिकता में रखने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि नाडा यंग इंडिया कोटपा में बदलाव के लिए ज़मीनी अभियान भी चला रहीं थी। इसमें स्वास्थ्य मंत्री के नाम स्कूली बच्चों की चिट्ठियां शामिल रही । स्कूलों में निकाली गई तम्बाकू जागरूकता रैलियां शामिल रहीं। 

नाडा यंग इंडिया नेटवर्क हिमाचल के सदस्य सनी सूर्यवंशी ने ओटीटी के लिए लागू नए नियमों पर स्वास्थ्य मंत्रालय की सराहना की है। उन्होंने कहा कि नाडा यंग इंडिया कैंपेन ओटीटी को कोटपा के दायरे में लाने के लिए धरातल स्तर आवाज उठाता रहा है। नए नियम युवाओं के स्वास्थ्य को लेकर  जागरूकता की ओर ठोस कदम साबित होगा।

कोटपा में जोड़े गए नियम: 

नियम 11 : प्रकाशक द्वारा तम्बाकू उत्पादों के ऑनलाइन क्यूरेटेड कंटेंट में स्वास्थ्य स्पॉट्स संदेश और डिस्क्लेमर

A. क्यूरेटेड कंटेंट का प्रत्येक प्रकाशक कार्यक्रम की शुरुआत और मध्य में तीस सेकेंड का तम्बाकू रोधी स्पॉट्स दिखाएगा।

B. कार्यक्रम में तम्बाकू उत्पादों या उनके उपयोग के प्रदर्शन की अवधि दौरान स्क्रीन के नीचे स्पष्ट स्थिर रूप में तम्बाकू रोधी वैधानिक चेतावनी  दिखाएगा

C. कार्यक्रम के शुरू और तम्बाकू के कुप्रभावों पर बीस सेकेंड का ऑडियो विडियो डिस्क्लेमर दिखाएगा।

D. स्पॉट्स संदेश और डिस्क्लेमर उसी भाषा में होगा जो भाषा कंटेंट की है।

( स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 31 मई को जारी अधिसूचना) 

ऑनलाइन क्यूरेटिड कंटेंट में तम्बाकू उत्पादों या उनके उपयोग का प्रदर्शन निम्न पर लागू नहीं है

a. प्रचार सामग्री में तम्बाकू उत्पादों या उनके उपयोग का प्रदर्शन

b. किसी भी तम्बाकू  उत्पाद के स्थापन प्रदर्शनी पर।

माननीय मंत्री मनसुख मंडविया एवम स्वास्थ्य मंत्रालय की यह पहल युवा पीढ़ी की चिंताओं तक पहुंचने में महत्वपूर्ण साबित होगी। वेब सीरीज और फिल्मों के जरिए धूम्रपान को बढ़ावा दे रहे कंटेंट कानून के दायरे में आयेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय तंबाकू नियंत्रण कानून, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) में बदलाव ओटीटी को भी कोटपा के दायरे में ले आया। हालांकि साल 2022 की शुरुआत में ही ओटीटी को कोटपा कानून के दायरे में लाने का प्रस्ताव तैयार हो गया था। ओटीटी प्लेटफॉर्म को लेकर विशेषज्ञ लंबे समय से चिंता जता रहे थे। 

कोटपा में संशोधन करके ओटीटी को विनियमित करने की योजना एक बड़ा बदलाव साबित हो सकती है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में स्वास्थय मंत्रालय भारत सरकार एवम माननीय मंत्री मनसुख मंडविया द्वारा शुरू किए गए तम्बाकू मुक्त युवा अभियान से फैसले को जोड़कर देखा जा रहा है। ओटीटी एंटरटेमेंट प्लेटफार्म सिनेमा घरों के विकल्प के तौर उभरे और कोविड़ संक्रमण दौर में यूजर्स के फेवरेट बन गए। दर्शकों को  कंटेंट में विकल्प देने के नाम पे लेकिन सामाजिक सीमाओं को पीछे छोड़ चुके । चरित्र द्वारा स्क्रीन पर धुम्रपान को बढ़ावा दिया गया। इस संबंध में नियमों में नए बदलाव निश्चित ही हालात बदलेंगे।

मौजूदा भारतीय कानून के तंबाकू एवम उससे संबंधित उत्पाद को लेकर वैधानिक चेतावनी का उपयोग अनिवार्य करता है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नई अधिसूचना ओ टी टी कंटेंट को परिधि परिधि में ले आई है। हालांकि तम्बाकू एवम उससे जुड़े किसी भी उत्पाद स्थापन प्रदर्शनी दायरे में नहीं है। मिडिया निर्मित छवियों का बड़ा खामियाजा आम दर्शकों को भुगतना पड़ रहा है। ओवर दा टॉप यानी ओ टी टी प्लेटफॉर्म समाज को हो रही हानि पर ध्यान ज़रा कम ही ध्यान देते हैं । नतीजतन युवा वर्ग दिशाहीन हो रहे हैं। अपने पसंदीदा किरदार एवम अभिनेताओं को आदर्श मानकर उन्हें फोलो करते हैं । एक अध्ययन के अनुसार 12-16 आयु वर्ग के युवा ऑनस्क्रीन धूम्रपान से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।

मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस समय देश में लाखों लोग तम्बाकू सेवन की लत के मारे हैं। ग्लोबल तम्बाकू  सेवन सर्वे 2019 में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए थे। यह बताता है कि 13-15 आयु वर्ग के छात्रों में से हरेक पांचवां किसी ना किसी रूप में तम्बाकू का शिकार था। कंटेंट से अधिक लाभ कमाने की होड़ में सांस्कृतिक ताने बाने को नजरंदाज कर ओ टी टी मिडिया युवा एवम संवेदनशील वर्गों का नुकसान कर रहा था। ओवर द एज सामग्री के नाम पर कुछ भी परोसा जा रही थी । ट्रेंड पर नए नियमों से बड़े बदलाव देखने को जल्द मिलेंगे।

Comments