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इंडियन रिजनरेटिव सोसाइटी की छटवीं वार्षिक कांफ्रेंस का शुभारम्भ

कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। दो दिवसीय इंडियन रिजनरेटिव सोसाइटी की  (दिनांक 22 एवं 23 अप्रैल 2023) छटवीं वार्षिक कांफ्रेंस का आयोजन इंडियन हैबिटैट सेंटर में किया जा रहा हैं, जिसमे देश विदेश के रिजनरेटिव मेडिसिन विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा आधुनिक सेलुलर फ्रैक्शन एवं स्टेम सेल थेरपी के एडवांसमेंट को लेकर जानकारी दी जाएगी।

इस कांफ्रेंस के बारें में जानकारी देते हुए कांफ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग चेयरमेन डॉक्टर बी.एस. राजपूत एवं ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी डॉक्टर विनोद जैन वोरा द्वारा बताया गया कि भारत में अब रिजनरेटिव मेडिसिन एवं स्टेम सेल थेरेपी से इलाज की अपार संभावनाएं हैं। चिकित्सकों द्वारा भारत के प्रधानमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री से मांग की गयी कि वर्ष 2022 में भारत सरकार के डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विसेज द्वारा सेलुलर थेरेपी की स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर एवं यह किन बीमारियों में उपयोगी हैं, को लेकर को लेकर एक प्रारूप बनाया गया था, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए ताकि प्रत्येक भारतीय को रिजनरेटिव मेडिसिन द्वारा इलाज सुविधा उपलब्ध हो सकें, एवं भारत स्टेम सेल थेरेपी एवं रिजनरेटिव मेडिसिन से उपचार उपलब्ध कराने में वर्ल्ड लीडर बन सकें।

इस कांफ्रेंस में भारत के जाने माने चिकित्सकों के साथ साथ विदेशो के रिजनरेटिव मेडिसिन विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा कई लाइलाज बीमारी जैसे पार्किन्सन,सीपी,डायबिटीज,टीबी,इनफर्टिलिटी,एव्हीएन हिप, पोस्ट कॉविड होने वाली परेशानी इत्यादि के इलाज के बारें में जानकारी दी जाएगी। कांफ्रेंस कमेटी के सदस्य डॉक्टर आलोक शर्मा द्वारा बताया गया कि रिजनरेटिव मेडिसिन द्वारा लाइलाज न्यूरोलॉजिकल बीमारी जैसे बच्चों में आटिज्म का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता हैं। रिजनरेटिव मेडिसिन द्वारा घुटनों के दर्द (ओस्टियोआर्थराइटिस), जोकि भविष्य में भारतीयों को होने वाली सबसे बड़ी होगी का प्रमाणिक सेलुलर फ्रैक्शन तकनीक द्वारा सफलतापूर्वक इलाज संभव हैं।

इस कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य चिकित्सकों को नई तकनीक से उपचार के विषय में जानकारी प्रदान करना हैं, ताकि भारत में भी रिजनरेटिव मेडिसिन द्वारा आसानी से उपचार सुविधा उपलब्ध हो सकें।

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