अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप ने पूरे किए 500 बाल चिकित्सा लिवर प्रत्यारोपण : डॉ.सिब्बल
राज कुमार
नई दिल्ली। दुनिया का सबसे बड़ा वर्टिकली इंटीग्रेटेड हेल्थकेयर प्रोवाइडर अपोलो भारत में मरीजों की देखभाल में सबसे आगे रहा है और हेल्थकेयर में अंग प्रत्यारोपण क्रांति का नेतृत्व किया है। आज अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप ने 500 बच्चों के लिवर प्रत्यारोपण के सफल समापन की घोषणा की।
अपोलो प्रत्यारोपण कार्यक्रम दुनिया के सबसे बड़े और सबसे व्यापक प्रत्यारोपण कार्यक्रमों में से एक है, जो अत्याधुनिक सेवाओं के लिए जाना जाता है। इसमें लीवर रोग का प्रबंधन, किडनी रोग का प्रबंधन, लीवर और किडनी प्रत्यारोपण, हृदय और फेफड़े का प्रत्यारोपण शामिल है। डॉ. सिब्बल ने बताया की अभी तक का हमारा इलाज 90% सफलता दर के साथ अपोलो लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम दुनिया भर के रोगियों के लिए गुणवत्ता और आशा की नई किरण लेकर आया है ।
अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. प्रताप सी. रेड्डी ने कहा व वीडियो काल से बताया कि, “ अंग प्रत्यारोपण के मामले में भारत की भूमिका विश्व स्तर पर सबसे अग्रणी है। अंग प्रत्यारोपण मानव दया का एक सच्चा कार्य है और एक असाधारण चिकित्सा उपलब्धि है। हमें गर्व है कि हमने अपोलो हॉस्पिटल्स में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे, अत्याधुनिक तकनीक और बेहतरीन चिकित्सा विशेषज्ञता के साथ दुनिया के अग्रणी प्रत्यारोपण कार्यक्रमों में से एक की स्थापना की है। हम अपने रोगियों के लिए सर्वोत्तम संभव देखभाल और परिणाम प्रदान करने और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में चिकित्सा विज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह मील का पत्थर बाल चिकित्सा लिवर प्रत्यारोपण को आगे बढ़ाने और हमारे रोगियों को सर्वोत्तम संभव देखभाल प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
अपोलो अस्पताल में 500 से अधिक देशों से लिवर प्रत्यारोपण के लिए मरीज आते हैं।
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर और सीनियर पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. अनुपम सिब्बल ने कहा, “हमें इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर तक पहुंचने पर गर्व है और इतने बच्चों और परिवारों की मदद करने में सक्षम होने पर हमें गर्व है। पिछले कुछ वर्षों में कई चुनौतियों पर काबू पाया है। 4 किलोग्राम से कम वजन वाले छोटे बच्चों में प्रत्यारोपण, लिवर विफलता के अलावा गंभीर चिकित्सा स्थितियों वाले बच्चों और बच्चों में प्रत्यारोपण, एबीओ असंगत प्रत्यारोपण जब परिवार के पास रक्त समूह संगत दाता नहीं है। हम बहुत खुश हैं कि हमारी 500वीं मरीज एक बच्ची है और हमारे लगभग 45% मरीज अब लड़कियां हैं। डॉक्टरों, नर्सों और सपोर्ट स्टाफ की हमारी समर्पित टीम ने काम किया है। उन्होंने बताया कि अभी तक हजारों लिवर ट्रांसप्लांट किए हैअपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की मेडिकल टीम ने,जिसमे क्षेत्र के कुछ सबसे अनुभवी सर्जन, नर्स और सहायक कर्मचारी एक साथ काम कर रहे हैं।
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स की लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. नीरव गोयल ने कहा, “हमारे पास अपने अत्यधिक विशिष्ट सर्जनों और चिकित्सकों के बेजोड़ तकनीकी कौशल हैं, एक ऐसा बुनियादी ढांचा जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ के साथ तुलनीय है और हमारे विश्वास से ऊपर है। मरीज जिन्हें हमने समय के साथ पाला है। अब हम शिशुओं में सबसे जटिल लिवर प्रत्यारोपण करने में सक्षम हैं। अपोलो लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम अब लगातार एक साल में करीब 50 बच्चों का लिवर ट्रांसप्लांट कर रहा है, जो दुनिया के कुछ गिने-चुने केंद्रों ने ही हासिल किया है।उन्होंने बताया की महंगा इलाज होने के कारण जिनकी छमता नही होती उनके लिए दानी लोगो से भी मांग कर मरीजों का इलाज करते हैं। हमारा मानना है कि आज ऑर्गन डोनेट को बड़ावा दिया जाना चाहिए जिसे लाखो मरीजों की जान बच सकती हैं।
अपोलो की 500 वीं बाल चिकित्सा लिवर आशा (बदला हुआ नाम ) के माता पिता ने बताया कि हम आश छोड़ चुके थे, लेकिन अपोलो हॉस्पिटल के डाक्टर और पुरी टीम का हार्दिक अभिनंदन। जिन्होंने हमारी बच्ची को नया जीवन दिया वही हमको को भी खुशी मिली।
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