अर्थव्यवस्था का लक्ष्य...

आत्मनिर्भर भारत और राष्ट्रीय शिक्षा नीति से 5 ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य प्राप्त होगा 

बंसी लाल, वरिष्ठ पत्रकार 

नई दिल्ली। शुक्रवार 26 अगस्त कों समिट इंडिया के आत्मानिर्भर भारत की भागीदारी  सम्मेलन के दौरान बोलते हुए अश्विनी कुमार चौबे, माननीय  केंद्रीय राज्य मंत्री, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण ने कहा, हमारे माननीय प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के सफल नेतृत्व में एक सशक्त शिक्षा नीति बनाई है, जो हमारे देश के युवाओं को एक नई दिशा देगी। शिक्षा के माध्यम से सफलता का मार्ग मिलता है, जैसा कि देश स्वतंत्रता दिवस के 75 वर्ष का अमृत महोत्सव मना रहा है, हम नई शिक्षा नीति के साथ एक नई ऊंचाई पर पहुंच रहे हैं जो हमारे युवाओं की मदद करेगी और देश $ 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य प्राप्त करेगा। समिट इंडिया जैसे संगठन जो विभिन्न सरकारी नीतियों के बारे में जागरूकता अभियान पैदा करने के लिए काम कर रही है, उन्हें इस शानदार काम के लिए में बधाई देना चाहता हूं ।  

समिट इंडिया - https://summit-india.org/  श्याम जाजू, (भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष), की अध्यक्षता में एक पंजीकृत ट्रस्ट एवं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई ) के सहयोग से भारत के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए एक भव्य कार्यक्रम, आत्मनिर्भर भारत की भगीदारी की मेजबानी की। आज़ादी का अमृत महोत्सव, इवेंट के दौरान, समिट इंडिया ने शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, चिकित्सा विज्ञान, दर्शन और सकारात्मक दृष्टिकोण के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों और उनकी उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय उपलब्धि पुरस्कार 2022 के साथ कुछ योग्य आत्मनिर्भर राष्ट्रीय नायकों को सम्मानित किया। 

स्वागत भाषण को संबोधित करते हुए, समिट इंडिया के अध्यक्ष श्याम जाजू ने अपनी राजनीतिक यात्रा के संस्मरणों को प्रदर्शित किया और कहा, आत्मनिर्भर भारत, भारत के विकास के बुनियादी ढांचे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे माननीय प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी, के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना अनिवार्य है। हमारी केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया और कई अन्य योजनाओं और नीतियों की शुरुआत की है, जो 2025 तक $ 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करता है। उन्होंने आगे कहा, 'समिट इंडिया' के साथ हमारा उद्देश्य इन सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। हम जमीनी स्तर पर जनता तक पहुंचेंगे और इसे सफल बनाएंगे। इससे आगे रोजगार के अवसर पैदा होंगे और लोग आत्मनिर्भर होने लगेंगे, तब लोग बड़े पैमाने पर आत्मनिर्भर बनने लगेंगे।

समिट इंडिया के साथ सहयोग के बारे में बोलते हुए 'अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद' (एआईसीटीई)  के अध्यक्ष, प्रोफेसर अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, "भारत आत्मनिर्भर हो गया है, आज हमारा देश एक ऐसी जगह पर पहुंच गया है, जहां हम एक  कलम की निब से लेकर उपग्रह बनाने में सक्षम हैं। हमें कौशल आधारित नौकरियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करके अपने युवाओं को तकनीकी शिक्षा देने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि  हमें समिट इंडिया के साथ हाथ मिलाने की खुशी है जिसने शिक्षा क्षेत्र के लिए इस जन आंदोलन को  बढ़ाया है जो भारत को विकास पथ पर ले जाने में मदद करेगा। 

समिट इंडिया के महासचिव  महेश वर्मा ने कहा, “ इस आयोजन के पीछे हमारा मिशन न केवल विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है बल्कि विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों द्वारा किए गए सफल कार्यों की सराहना करना है जिन्होंने सफलता हासिल की है और गौरव हासिल किया है। उन्होंने आगे कहा कि पांच अवधारणाएं हैं जो समिट इंडिया यानी विकास, फाउंडेशन, प्रबंधन, पारिस्थितिकी तंत्र और ट्रस्ट के मुख्य फोकस हैं।

कार्यक्रम के दौरान विश्व प्रसिद्ध कत्थक नर्तक डॉ. नलिनी कमलिनी , पद्मश्री द्वारा तिरंगे की कहानी, नृत्य की जुबानी विषय पर विशेष सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं ने भाग लिया, जिनमें प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, अध्यक्ष, एआईसीटीई; डॉ. नलिनी कमलिनी, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना,  तरुण ठकराल, संस्थापक, भारतीय विरासत संग्रहालय और श्रीमती शिल्पा पुरी, सीईओ, समिट इंडिया उपलब्ध थे ।

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