जेनवर्क्स ने नई टेक्नोलॉजी क्रिटिकूल लॉन्च की, नवजात शिशु की देखभाल को आसान बनाने में मिलेगी मदद
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। भारत में स्वास्थ्यरक्षा तक पहुँच को बेहतर बनाने के लिये समर्पित भारतीय स्वास्थ्यरक्षा उद्योग के पहले स्टार्ट-अप, जेनवर्क्स ने हाल ही में एक नया उत्पाद क्रिटिकूल लॉन्च किया है। यह एक उपकरण है, जिससे डॉक्टर एस्फिक्जिया से पीड़ित नवजात शिशुओं के शरीर का तापमान एक विशेष अवधि के लिये कम कर सकते हैं। बर्थ एस्फिक्जिया या जन्म के समय सांस न ले पाना सेरीब्रल पैल्सी और नवजात शिशुओं की मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। क्रिटिकूल की सहायता से डॉक्टर थेरैप्युटिक हाइपोथर्मिया को प्रेरित कर और न्यूरोलॉजीकल रिकवरी को सुधारकर मृत्यु की दर को बहुत कम कर सकते हैं। यह शिशु के जन्म के प्रथम 28 दिनों के भीतर एस्फिक्जिया के इलाज में महत्वपूर्ण हो सकता है।
आज भारत के अस्पतालों में उच्च-जोखिम वाली प्रसूति (डिलीवरी) के बाद शिशु की उत्तरजीविता का निर्धारण जीवन-रक्षक टेक्नोलॉजीज द्वारा किया जा रहा है। इसलिये मरीज डॉक्टरों को भगवान के रूप में देखते हैं। यह विशेषकर नवजात शिशुओं की देखभाल के मामले में सत्य है। यूनिसेफ के अनुसार, नवजात शिशुओं को पहले महीने में मृत्यु का जोखिम सबसे अधिक रहता है, जिसकी औसत वैश्विक दर यह है कि जन्म लेने वाले हर 1000 बच्चों में से 17 की मृत्यु हो जाती है।
डॉ. सचिन कुमार दुबे, कंसल्टेन्ट, नियोनेटोलॉजी एंड पीडियाट्रिक्स, यशोदा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, ने कहा, “इस मशीन के इस्तेमाल से 100 में से 15 शिशुओं को बचाया जा सकता है। क्रिटिकूल का ब्रेन्ज़ मॉनिटर के साथ इस्तेमाल करने पर सर्वश्रेष्ठ परिणाम मिलता है, जो कि शिशु के मस्तिष्क की स्थिति की निगरानी करने वाला टूल है, जैसे कि दिल के लिये ईसीजी होता है। इससे सीजर्स (उद्वेग) के लक्षण पता करने में सहायता मिलती है। चूंकि, सीजर्स अक्सर सामने नहीं आते हैं, इसलिये हमें लगातार नवजात के मस्तिष्क की गतिविधि पर नजर रखनी चाहिये। सही टेक्नोलॉजी को अपनाने से मृत्यु की दर काफी कम हो सकती है।”
जेनवर्क्स के संस्थापक, एमडी एवं सीईओ गणेश प्रसाद ने कहा, “क्रिटिकूल हमारे द्वारा लाई जा रहीं कई पेशकशों में से एक है। हम नवजात शिशु की देखभाल के लिये एक संपूर्ण पोर्टफोलियो देते हैं, शुरूआती जाँच और निदान से लेकर केन्द्रित उपचार एवं देखभाल तक। हमारी देखभाल से जान बचाने से लेकर जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने तक, एक मिलियन से ज्यादा नवजात शिशु प्रभावित हुए हैं। देखभाल के लिये हमारा कनेक्टेड प्लेटफॉर्म देश में कहीं भी विशेषज्ञ तक पहुँच और चिकित्सा की सुविधा देता है।”
2021 नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, स्वास्थ्यरक्षा में काफी सुधार के कारण नवजात शिशुओं की मृत्यु-दर पिछले एक दशक में 45.1% से घटकर 35.7% हुई है। क्रिटिकूल का लक्ष्य न केवल शिशु की स्वास्थ्यरक्षा को आसान बनाना है, बल्कि यह जान बचाने और बड़ी संख्या में बदलाव लाने तथा सफलता की अच्छी दर का सपना लेकर उद्योग में आया है।
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