पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की 54वीं पुण्यतिथि पर पुष्पों द्वारा श्रद्धांजलि
उपाध्याय ने कहा कि दीन दयाल जी अर्थशास्त्री, पत्रकार, शिक्षाविद्, प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी के पूर्वाधिकारी भारतीय जनसंघ के चिंतक एव विचारक थे। दीन दयाल जी के विचारों को याद करते हुए कहा कि पंडित जी ‘एकात्म मानववाद’ के प्रेरणादायी श्रोत थे और उन्होंने न केवल एकता को बढ़ावा दिया अपितु भारतीय राजनीति को एक नई दिशा और दर्शन दिया । देशभक्ति और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रति उनका समर्पण देश को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। दीनदयाल जी ने कहा था कि हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो न केवल कृषि में बल्कि रक्षा और शस्त्रागार में भी आत्मनिर्भर हो।
दीनदयाल जी ने राजनितिक क्षेत्र में "सुचिता”के साथ काम करने पर जोर दिया था, इसलिए भारतीय जनता पार्टी उनकी पुण्यतिथि को “समर्पण दिवस” के रूप में मानती है । श्री उपाध्याय ने कहा कि दीनदयाल जी के पदचिन्नो पर पार्टी के सदस्य अपना काम पूरी ईमानदारी और लगन से करते हैं। दीन दयाल जी ने सामाजिक-समरसता, ग्राम-स्वराज्य, स्वालंबन एव स्वदेशी और कुटीर उद्योग, कृषि-आधारिता अर्थव्यस्था पर जोर दिया। वे एक समाज सुधारक थे, उन्होंने कहा कि समाज, व्यक्ति और प्रकृति परस्पर एक दूसरे के पूरक हैं । 'सभी के लिए शिक्षा' और 'हर हाथ को काम, हर खेत को पानी' की उनकी दृष्टि को आर्थिक लोकतंत्र के विचार में परिणत होते देखा गया।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् उपाध्यक्ष, सतीश उपाध्याय ने कहा कि आज की बीजेपी सरकार माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में अंतोदय एव सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अवधारणा को लेकर सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-प्रयास, सबका-विश्वास एव “एक भारत और श्रेष्ठ भारत” बनाने के लिये अग्रसर है।
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