1984 सिख कत्लेआम पीड़ितों को सरकारी नौकरी मिलने का रास्ता हुआ सुगम
कुलवंत कौर, संवाददाता
नई दिल्ली। 1984 सिख कत्लेआम पीड़ितों को सरकारी नौकरी देने की केंद्र सरकार की 2006 की अधिसूचना के माध्यम से अब पीड़ितों को सरकारी नौकरी मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। दिल्ली कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने इस मामले को लेकर 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर अब दिल्ली सरकार पीड़ितों को सरकारी नौकरियां देने के लिए सिद्धांतक तौर पर सहमत हो गई है। इस बात की जानकारी दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के संभागीय आयुक्त श्री संजीव खेरवाल ने जागो पार्टी और शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल को दी। प्रतिनिधिमंडल में दिल्ली कमेटी के 3 पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना, हरविंदर सिंह सरना, मनजीत सिंह जीके, कमेटी के पूर्व सदस्य गुरलाड सिंह, दिल्ली कमेटी के सदस्य और निगम पार्षद परमजीत सिंह राणा, जागो पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. परमिंदर पाल सिंह और 1984 सिख नरसंहार के पीड़ित शामिल थे।
जीके ने श्री संजीव खेरवाल को बताया कि उन्होंने 16 साल पहले केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को लागू करने के लिए 2016 में पूर्व गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसलिए दिल्ली सरकार जल्द ही कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए पीड़ितों को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू करे। श्री परमजीत सिंह सरना और श्री हरविंदर सिंह सरना ने भी सहमति व्यक्त की कि सरकार को योग्य उम्मीदवारों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरियां देनी चाहिए। श्री संजीव खेरवाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार इस संबंध में सौहार्दपूर्ण ढंग से काम कर रही है और हम जल्द ही आपके साथ विवरण साझा करेंगे।
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