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सुपरस्टार सुनील सेट्टी बने EzySpit प्रोडक्ट के ब्रांड एंबेसडर


कुलवंत कौर, संवाददाता 

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी अशोक रोड स्थित होटल शांगरीला में इको-फ्रेंडली स्पिटून के उत्पाद के बारे में जागरूकता फैलाना का  कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत ब्रांड अम्बेसडर सुपरस्टार सुनील सेट्टी व को-फाउंडर रितु मल्होत्रा और उनकी टीम नें दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत गई।

मीडिया को सम्बोधित कर EzySpit की को-फाउंडर रितु मल्होत्रा नें जानकारी साझा करते हुए बताया की राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयंती के उपलक्ष में राष्ट्रीय राजधानी में इजीस्पिट (Ezy Spit) का अनावरण किया गया है। इस स्टार्टअप का उद्देश्य सार्वजनिक जगह थूकने की बढ़ती समस्या पर अंकुश लगाने के लिए भारत में इको-फ्रेंडली स्पिटून के उत्पाद के बारे में जागरूकता फैलाना है । राजधानी में इज़ीस्पिट (Ezy Spit) का अनावरण शुरुवाती दौर में यह इनोवेशन दिल्ली एनसीआर समेत बिहार , झारखण्ड , मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश , पंजाब , महाराष्ट्र , तमिलनाडु , राजस्थान , छत्तीसगढ़ , तेलंगाना , गुजरात , हरियाणा व पश्चिम बंगाल की मार्किट में उतारा जायेगा।  24 महिलाओं की टीम इस विशेष इनोवेशन की मैन्युफैक्चरिंग संभाल रही हैं । जिसका उद्देश्य स्वच्छ भारत की मुहिम को आगे बढ़ाना है। कार्यक्रम में अभिनेता सुनील शेट्टी समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थित दर्ज करवाई ।

राजधानी दिल्ली शहर के अशोक रोड स्थित होटल शांगरी ला में आयोजित इस कार्यक्रम में इस इनोवेशन (अविष्कार) को देश को समर्पित  किया गया। यह इनोवेशन एक क्रन्तिकारी उत्पाद है जो आपको कहीं भी कीटाणु फैलाने के डर के बिना थूकने की आजादी देता है। सात साल के अध्ययन और परिश्रम से देश के तीन युवाओं द्वारा रितु मल्होत्रा , प्रतीक हरडे और प्रतीक कुमार मल्होत्रा द्वारा इस अनोखे इनोवेशन का निर्माण किया गया है । शुरुवाती दौर में यह इनोवेशन दिल्ली एनसीआर समेत विहार , झारखण्ड , मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश , पंजाब , महाराष्ट्र , तमिलनाडु , राजस्थान , छत्तीसगढ़ , तेलंगाना , गुजरात , हरियाणा व पश्चिम बंगाल की मार्किट में उतारा जायेगा । इस स्टार्ट अप का उद्देश्य सार्वजनिक जगह थूकने की बढ़ती समस्या पर अंकुश लगाने के लिए भारत में इको-फ्रेंडली स्पिटून के उत्पाद के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह अभियान मानव थूक के कचरे से पौधों को विकसित करने के विचार के साथ बनाया गया है । इस अवसर पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए इज़ीस्पिट ( EzySpit ) की को फाउंडर रितु मल्होत्रा और उनकी टीम ने कहा "हमें यकीन है कि यह सार्वजनिक जगह थूकने की धारणा को तोड़ देगा"  और इस अभियान का उद्देश्य व्यक्तियों के बीच खुले में थूकने से हतोत्साहित करना और बदले में इसे पुन : प्रयोग स्पिटून के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना है।

यह पॉकेट पाउच (10 से 15 बार पुनः प्रयोग)  मोबाइल कंटेनर ( 20,30,40 बार पुन: प्रयोग) और स्पिटबिन ( 2000 से 5000 बार पुन: प्रयोग) में उपलब्ध है। इज़ीस्पिट स्पिटून में मैक्रोमोलेक्यूल पल्प तकनीक है और यह एक ऐसी सामग्री से लैस है जो लार में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस को लॉक करती है । हम 2015 से इस प्रोडक्ट को बनाने के लिए अध्यन कर रहे थे और आज हम इसे लेकर देश के सामने आये हैं । हमारा यह प्रयास स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भारत को सफल बनाने का है । सबसे अनोखी बात इसकी पुरी मैन्युफैक्चरिंग महिलाओं की टीम संभाल रही है 24 महिलाओं की टीम इस विशेष इनोवेशन संभाल रही हैं। हमारा उद्देश्य मनुष्यों और प्रकृति के बीच संबंधों को सुधारना है। और पारिस्थितिकी तंत्र में सुंदरता और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है । इन्हीं चीजों पर ही हमारा अस्तित्व और स्वास्थ निर्भर हैं । थूकने से होने वाले गंभीर खतरे से निपटने के लिए अग्रणी, टिकाऊ और स्केलेबल तकनीक है । हमारा मिशन स्वस्थ राष्ट्र के लिए स्वच्छता की आवश्यकता के प्रति समुदायों को संवेदनशील बनाना है । इस योजना के लिए देश के युवा भी आगे आ रहे हैं, जिसे देखकर अच्छा लगता है ।

सुपरस्टार सुनील शेट्टी जो की (EzySpit ) के ब्रांड अम्बेसडर है। इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा सौ प्रतिशत सुविधाजनक, संभव और टिकाऊ प्रोडक्ट बनाने के लिए निर्माताओं को बधाई। आशा करता हूँ की इससे समाज में एक क्रांति आएगी । जैसा की हम सभी जानते है की खुले में थूकने की आदत बहुत ख़राब होती है और इसके दाग धब्बों को साफ करना अपने आप में एक चुनौती है। अगर हम किसी भी सार्वजानिक स्थान पर थूकते हैं तो उसके कण 27 फीट तक हवा मे फैल सकते है। यह कीटाणु सभी उम्र के लोगों के लिए घातक है जिनमें बुजुर्ग , बच्चे , गर्भवती महिलाएं भी शामिल है यही नहीं देश में टीबी जैसी बीमारी को फ़ैलाने में भी इन्हीं थूक से उत्पन्न कीटाणुओ का अहम योगदान है।

EzySpit की को-फाउंडर रितु मल्होत्रा नें आगे जानकारी में बताया की वैश्विक महामारी कोविड 19 की पहली व दूसरी लहर के दौरान भी सार्वजनिक स्थानो में थूकना मना किया गया है ताकि वायरस के फैलाव को रोका जा सके । भारत में डिजास्टर मैनेजमेन्ट एक्ट के तहत 2005 से सार्वजनिक स्थान में थूकने पर चालान है और इनकी राशि 200से 5000 रूपए तक है भारतीय रेल हर साल थूकने के कारण बने दाग धब्बे व निशानों को साफ़ करने के लिए 1200 करोड़ रूपए और साथ में ढेर सारा पानी खर्च करती है । रेलवे स्टेशन के अलावा बस स्टैंड , हॉस्पिटल , बाज़ारों और कई अन्य सार्वजानिक स्थानों में भी थूक के धब्बे देखने को मिलते हैं । जिस तरह अनेक सार्वजानिक स्थानों में शौचालय कूड़ा दान आदि की उचित व्यवस्था है उसी प्रकार थूकने की भी कोई उचित व्यवस्था होनी जरूरी है ताकि लोग किसी भी स्थान पर थूक न सकें और संक्रमण न फैले । इसमें 20 या उससे अधिक बार थूका जा सकता है । थूकने पर यह उसे सोख लेते हैं और बाद में इसे मिटट्टी में डाल सकते हैं जहाँ पौधा भी उगाया जा सकता है ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर रतन टाटा भी कर चुके हैं तारीफ 

EzySpit की को-फाउंडर रितु मल्होत्रा नें कहा की सफाई के साथ पौधारोपण के इस अनोखे इनोवेशन की तारीफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर रतन टाटा भी कर चुके हैं । इजीस्पिट के बारे में इज़ीस्पिट ( EzySpit ) एक नागपुर स्थित स्टार्टअप है जिसने एक ऐसा इनोवेशन लॉन्च किया है जो पर्यावरण के अनुकूल और डिस्पोजेबल है , और इसे आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है । इसका उद्देश्य देश को स्पिट फ्री बनाने का भी है। इज़ीस्पिट ऐसे स्पिटून प्रदान करता है जो डिस्पोजेबल ग्लास के रूप में और जिपलॉक के साथ पॉकेट पाउच के रूप में आते हैं । अंत में निपटाने से पहले इसे 30 बार पुन : उपयोग किया जा सकता है । इसक मुख्य उद्देश्य कई वायरस जैसे कोरोनावायरस , टीबी , स्वाइन फ्लू , राइनोवायरस , फ्लू वायरस , एपस्टीन बार वायरस आदि के प्रसार को रोकना है ।



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