1000 गाड़ियां चोरी करने वाला गिरफ्तार : श्वेता चौहान, डीसीपी
नई दिल्ली। मध्य जिला के डीसीपी श्वेता चौहान ने बताया की दिल्ली पुलिस को इसकी काफी वक्त से तलाश थी। सेंट्रल एटीएस की एक टीम को इनको पकड़ने का जिम्मा दिया गया। जिन्होंने ना सिर्फ फिजिकली बल्कि टेक्निकल सर्विलांस की मदद से इन चोरों की गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की, इस टीम को कुछ सीसीटीवी फुटेज मिले जिसमें यह तो महज 3 से 5 मिनट के बीच में एक गाड़ी को खोल देते और उसको चुराकर मेरठ की तरफ ले जाते।
दिल्ली पुलिस की टीम ने इनको पकड़ने के लिए मेरठ में भी दस दिन के लिए डेरा डाला था। तब पता चला इस गैंग के दीपक राणा को "की प्रोग्रामिंग टैब" के बारे में अच्छी खासी जानकारी है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दीपक राणा की तस्वीर दिल्ली पुलिस के पास थी, दिल्ली पुलिस को कुछ दिन पहले सूचना मिली कि दीपक अपनी पत्नी के साथ शिमला की तरफ जा रहा है दिल्ली पुलिस ने उसका पीछा किया और दीपक को शिमला के एक होटल से गिरफ्तार किया गया। इस को पकड़ने में दिल्ली पुलिस को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
पिछले 3 वर्षों में 1000 से ज्यादा गाड़ियां चुराईं
दीपक राणा ना सिर्फ दिल्ली एनसीआर बल्कि उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी चोरी और डकैती की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। पुलिस की पूछताछ में दीपक ने कबूल किया कि उसने पिछले 3 सालों में 1000 से ज्यादा गाड़ियों को चुराया है जिनको उसने अपने गृह जिले मेरठ में बेचा है। ये अकेले चोरी नहीं करता बल्कि चोरो का एक गैंग चलाता है जिसमें फिलहाल तीन लोग एक्टिव है।
दिल्ली पुलिस की सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की एटीएस के मुताबिक हाई टैक्नोलॉजी की मदद से लग्जरी कारों को सिर्फ 3 से 5 मिनट में चोरी कर लेता था। दीपक राणा, बीएससी पास 32 साल का है। पढ़ाई लिखाई के बावजूद नौकरी ना मिलने और परिवार की गरीबी मिटाने के लिए दीपक राणा नाम के इस शख्स नें जुर्म का रास्ता अपनाया। जिसने दिल्ली एनसीआर में करीब 1000 गाड़ियां चोरी की है। इसकी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने कार चोरी समेत हत्या का प्रयास घरों में चोरी डकैती के करीब 12 मुकदमे सुलझाए हैं।
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