नई दिल्ली :
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद में महादलित परिसंघ सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें 23 राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ कुल 500 कार्यकर्ताओ ने भाग लिया। भारत सरकार के अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष डॉ. राम शंकर कठेरिया और राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष मनहर वालजीभाई जाला मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे।मुख्य अतिथियों का स्वागत महादलित परिसंघ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बाबू लाल मुरंडा, राष्ट्रीय समन्वयक राजेंद्र पारचा, प्रदेश महासचिव उदय गिल, पंजाब के पूर्व विधायक इन्दर इक़बाल सिंह अटवाल, भारत सरकार के राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व सदस्य हरिराम सूद, अखिल भारतीय वाल्मीकि नवयुवक संघ में अध्यक्ष नितेश कांगड़ा, महामंत्री आज़ाद कांगडा, समाजसेवी इन्दर सिंह अमरोही, सचिन पाल वाल्मीकि और संजय लोचन ने किया।
महामंत्री आज़ाद ने कहा की वाल्मीकि समाज आज भी साफ सफाई का कार्य ही कर रहे है जो उनका रोजगार का मुख्य हिस्सा बन गया है लेकिन अब वाल्मीकि समाज को इस प्रथा को खत्म करने पर जोर देने की आवश्यकता है जिससे वाल्मीकि समाज में आगे पैदा होने वाले बच्चे और युवा पीढ़ी साफ सफाई के कार्यो में ही सिमट कर ना रह जाये इसलिए वाल्मीकि समाज कलम उठाये और शिक्षित बने और एक नए वाल्मीकि समाज का निर्माण करे। प्रदेश महासचिव उदय गिल ने कहा की वाल्मीकि समाज को झाडू छोड़कर कलम उठाने की आवश्यकता है। समाज सेवी सचिन पाल वाल्मीकि ने कहा की कुछ राजनीतिक दल चाहते है कि वाल्मीकि समुदाय के बच्चे केवल सफाईकर्मी और सफाई कर्मचारी बने। महामंत्री आजाद कांगडा ने कहा कि वाल्मीकि समाज अब पढ़ेगा और आगे बढ़ेगा। इसी सोच के साथ इस महासम्मेलन का समापन किया गया।
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