उत्तराखण्ड में सांसद...

उत्तराखण्ड में सांसद आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा 



देहरादून उत्तराखंड 



      सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में सांसद आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा की। सांसद आदर्श ग्राम योजना में चयनित गांवों का आउटकम आधारित थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराया जाए। जिलों के प्रभारी सचिव 45 दिन में एक बार आदर्श गांव में जाना सुनिश्चित करें। मुख्य विकास अधिकारी भी इन गांवों में जाकर विकास कार्यों का भौतिक निरीक्षण करें। इसके लिए भ्रमण कैलेण्डर बनाएं। सचिवालय में आदर्श सांसद ग्राम योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उक्त निर्देश दिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आदर्श गांवों के लोगों के जीवन में परिवर्तन दिखना चाहिए। स्थानीय लोगों को लगना चाहिए कि वहां काम हुए हैं। आदर्श गांवों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए कि पहले क्या स्थिति थी और अब क्या स्थिति है। वहां की खेती, पशुपालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रति व्यक्ति आय में क्या गुणात्मक सुधार हुए हैं। आदर्श गांव आत्मनिर्भर होने चाहिए, ग्रामीणों । इन गांवों की मासिक रिपोर्ट संबंधित सांसदों को भेजी जाए। चयनित गांवों को पॉलिथीन मुक्त बनाया जाए। कार्यों की समयावधि निश्चित की जाए।


बैठक में बताया गया कि सांसद आदर्श ग्राम योजना में तीन चरणों में कुल 15 चयनित ग्राम पंचायतों में 762 कार्य लिए गए। इनमें से 565 काम पूर्ण किए जा चुके हैं, 53 प्रगति पर हैं। प्रथम चरण में भगत सिंह कोश्यारी द्वारा चयनित गांव सरपुड़ा (जिला ऊधमसिहनगर) में कुल 70 कार्यों में से 69, मे.ज (से.नि.) भुवन चंद्र खण्डूड़ी द्वारा चयनित देवली भणीग्राम (जिला रूद्रप्रयाग) में 66 कार्यों में 52, डा.रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा चयनित गोरधनपुर (जिला हरिद्वार) में 85 में से 80 कार्य, माला राज्य लक्ष्मी शाह द्वारा चयनित बौन (जिला उत्तरकाशी) में 59 में से 57 कार्य, अजय टम्टा द्वारा चयनित सूपी (जिला बागेश्वर) में 22 में से 21 कार्य, महेन्द्र सिंह माहरा द्वारा चयनित रौलमेल (जिला चम्पावत) में 59 में से 55 कार्य और राजबब्बर द्वारा चयनित लामबगड़ (जिला चमोली) में 17 में से 15 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।


सांसद आदर्श ग्राम योजना का 11 अक्टूबर 2014 को प्रारम्भ की गई थी। इसका उद्देश्य सांसद द्वारा चयनित ग्राम पंचायत में सभी केंद्र पोषित/राज्य पोषित योजनाओं के अभिसरण (कन्वर्जेंस) के माध्यम से आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं का विकास, सेवाओं की उपलब्धता और ग्राम पंचायत का सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय विकास द्वारा चयनित ग्राम पंचायत में विकास के अंतर की पूर्ति करते हुए आदर्श ग्राम बनाना है। बैठक में सांसद राज्य लक्ष्मी शाह, प्रमुख सचिव डा. मनीषां पंवार, अपर सचिव रामविलास यादव, सांसद प्रतिनिधि, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधि व जिलों के मुख्य विकास अधिकारी व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।





 





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