फसल अवशेषों को जलाने...

फसल अवशेषों को जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने के लिए निबंध प्रतियोगिता का आयोजन



पटना बिहार 


       डॉ० प्रेम कुमार ने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में फसल कटनी के बाद फसल अवशेष को किसान खेतों में ही जला देते हैं। इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है। साथ ही, मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम होती है तथा इसका मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस समस्या से निदान पाने के लिए देश तथा प्रदेश स्तर पर राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार के द्वारा प्रयास किया जा रहा है।


माननीय मंत्री ने कहा कि इसी के मद्देनजर कृषि विभाग द्वारा बामेती, पटना के माध्यम से प्रदेश के युवाओं विशेषकर राजकीय उच्च विद्यालय के छात्रों के बीच इस संबंध में जागरूक करने, ग्रामीण क्षेत्रों में इस समस्या के वास्तविक कारणों से लोगों को अवगत कराने तथा इसके प्रभावी समाधान निकालने के उद्देश्य से निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा हैउन्होंने कहा कि बिहार राज्य के राजकीय उच्च विद्यालयों में अध्ययनरत नौवीं, दसवीं, ग्यारहवीं तथा बारहवीं के छात्र/छात्राएँ इस निबंध प्रतियोगिता में शामिल हो सकते हैं।


निबंध अधिक-से-अधिक 500 शब्दों की होगी। निबंध दिनांक 25.11.2019 के 06:00 बजे अपराह्न तक निदेशक, बिहार कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान बामेती, पटना को भेजा जायेगा। इस प्रतियोगिता में चयनित प्रथम विजेता को 11,000 रू0 नगद एवं प्रमाण पत्र, द्वितीय विजेता को 10,000 रू0 नगद एवं प्रमाण पत्र, तीसरे विजेता को 5,000 रू0 नगद एवं प्रमाण पत्र दिया जाएगासाथ ही, 10 अन्य विशिष्ट प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र निर्गत दिये जायेंगे। डॉ० कुमान ने कहा कि इस तरह के प्रतियोगिताओं के आयोजन से आम जनों में फसल अवशेष प्रबंधन के संबंध में जागरूकता आयेगी, जिससे मिट्टी स्वस्थ होगी, वातावरण स्वच्छ होगा तथा मानव स्वास्थ्य निर्मल होगा


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