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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने यूजीसी सचिव को सौंपा ज्ञापन




नई दिल्ली : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की हॉस्टल फीस में हुई बढ़ोतरी को वापस लेने तथा गरीब छात्रों (बीपीएल) को अतिरिक्त रियायतें देने हेतु विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव से मुलाकात कर अपना मांगपत्र सौंपा तथा शीघ्र सभी मांगों पर कार्रवाई की मांग की। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने जेएनयू के लिए 6.7 करोड़ बजट देने का आश्वासन दिया है, जो कि पहले यूजीसी द्वारा रोक दिया गया था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कहा है कि जेएनयू प्रशासन से जरूरी प्रक्रिया पूरी कर यह बजट रिलीज किया जाएगा, साथ ही जेएनयू प्रशासन ने गरीब छात्रों की मदद के लिए जिस अतिरिक्त बजट की मांग की थी, उसको आवश्यक कार्यवाही हेतु मंत्रालय भेज दिया गया है।


ज्ञातव्य हो कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद , जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लाए गए नए हॉस्टल मैनुअल का शुरुआत से ही विरोध करते हुए , इसे वापस लेने के लिए जेएनयू प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शनरत है । इसी क्रम में आज अभाविप जेएनयू इकाई के नेतृत्व में जेएनयू के छात्रों ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के बाहर प्रदर्शन किया। अभाविप दिल्ली के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा  हम लगातार सरकार के समक्ष शिक्षा बजट में बढ़ोत्तरी  की मांग को रखते आए हैं तथा हमारा स्पष्ट मत है कि ऐसा कोई भी निर्णय न लिया जाए जो एक भी छात्र के हित को चोट पंहुचाता हो । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के समक्ष हमने जेएनयू में फीस के मूल स्वरूप को पुनः स्थापित करें। इसके अलावा गरीब छात्रों के हितों को ध्यान में रखकर उनके लिए अतिरिक्त बजट आवंटन की मांग की है।" अभाविप जेएनयू इकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि, "अभाविप , जेएनयू की समावेशी और सस्ती पढ़ाई के स्वरूप को बचाए रखने और उसको और अधिक पोषित करने के लिए प्रतिबद्ध है।


इसी क्रम में हमने आज यूजीसी के समक्ष अपनी मांगों को रखा है। हम सभी प्रकार के लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से समाधान प्राप्त करने तक लगे रहेंगे। हम इस आंदोलन को वामपंथ या किसी अन्य हितप्राप्ती का माध्यम नहीं बनने देंगे और शिक्षा के अपने अधिकार के लिए लड़ेंगे।"  अभाविप जेएनयू इकाई के मंत्री मनीष जांगिड़ ने कहा कि," जेएनयूएसयू ने जिस तरह अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर तुच्छ राजनीति करते हुए , पूरे आंदोलन की दिशा को भटकाकर छात्रों को गुमराह किया है , उसके लिए उसे माफी मांगनी चाहिए । हम फीस के मूल ढांचे के लिए सार्थक और सतत् प्रयास करेंगे। इसके अलावा हम गरीब छात्रों की लगातार अनदेखी करने वाले जेएनयू प्रशासन पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं । हम यह आशा करते हैं कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए हमारी मांगों पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग शीघ्र कार्रवाई करेगा । हमारी माँग है की ऐसे निर्णय करने से पहले प्रशासन को सभी घटकों से बातचीत करनी चाहिए"


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